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पायलट खेमे की रणनीति से गहलोत खेमे के मंत्री-विधायकों में ‘हलचल’

locationजयपुरPublished: Aug 06, 2020 12:20:59 pm

Submitted by:

santosh

सत्ता की लड़ाई को लेकर अशोक गहलोत व उनके कुछ मंत्री सचिन पायलट पर निशाना साध रहे हैं, वहीं पायलट ने करीब 25 दिनों से चुप्पी साधी हुई है।

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जयपुर। प्रदेश में चल रही सत्ता की लड़ाई को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व उनके कुछ मंत्री पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट पर निशाना साध रहे हैं, वहीं पायलट ने करीब 25 दिनों से चुप्पी साधी हुई है। इस चुप्पी को लेकर गहलोत खेमे के मंत्री-विधायकों में अंदर ही अंदर हलचल मची हुई है।

मंत्री व विधायकों को टटोलने पर कुछ स्वीकार भी कर रहे हैं कि वे इस बात से परेशान हैं कि पायलट खेमे में आखिर ऐसी क्या रणनीति चल रही है, जो इतने हमले होने के बाद भी पायलट खुद कोई जवाब नहीं दे रहे। उधर, पायलट खेमे के नेताओं का कहना है कि पायलट न्यायालय में चल रहे मामलों की वजह से चुप हैं। वे समय आने पर अपनी चुप्पी जरूर तोड़ेंगे।

मुख्यमंत्री कांग्रेस में बगावत के पहले दिन से ही लगातार हमले बोल रहे हैं। मुख्यमंत्री ने पायलट को नाकारा और निकम्मा तक कह दिया, वहीं परिवहन मंत्री प्रतापसिंह ने कहा कि जब वे छात्र राजनीति में थे, तो पायलट नेकर में घूमते थे। इन व्यक्तिगत हमलों के बाद भी पायलट की चुप्पी नहीं टूटना गहलोत खेमे को ही नहीं प्रदेश के राजनेताओं को भी हैरानी में डाल रहा है कि आखिर पायलट चुप क्यों हैं। जबकि पायलट प्रदेशाध्यक्ष रहते हुए बोलने में हर पल आगे रहे।

पीसीसी-डीसीसी पदाधिकारी भी मौन…
पायलट ही नहीं प्रदेश संगठन के भी ऐसे तमाम पदाधिकारी हैं, जिन्हें पायलट ने अहम पदों पर संगठन में जिम्मेदारी दी। लेकिन वे भी आज चुप हैं। पायलट के साथ प्रदेश कार्यालय में बैठने वाले पदाधिकारी तो पहले दिन से ही पीसीसी आना बंद कर चुके हैं। पायलट गुट के एक-दो लोगों को छोड़ दिया जाए तो सभी को अब विधानसभा सत्र शुरू होने का इंतजार है।

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