एंट्री सेगमेंट की कारों के संभावित खरीदार फिलहाल बाजार से दूर ताजा एक रिपोर्ट में सामने आया है कि एंट्री सेगमेंट की कारों के संभावित खरीदार खरीद का फैसला टाल रहे हैं। क्रिसिल ने सोमवार को एक रिपोर्ट में कहा कि कोविड-19 महामारी के कारण आय प्रभावित होने से ऐसा हो रहा है। राजस्थान में फेडरेशन ऑफ ऑटोडीलर एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष निकुंज सांघी भी इसी तथ्य की पुष्टि करते हैं। सांघी ने पत्रिका को बताया कि सिर्फ कार के मामले में ही नहीं, टू-व्हीलर के मामले में भी यही सच है।
पेट्रोल-डीजल और कारों के दाम बढ़े और संभावित खरीदारों की आय घटी सांघी ने बताया कि पिछले दो-तीन सालों में छोटी कारों की कीमतों, पेट्रोल के दाम और इसके संभावित खरीदारों की आय में विपरीत ग्रोथ देखी गई है। एंट्री लेवल की कारों की कीमत पिछले दो तीन सालों में जहां 30 प्रतिशत तक बढ़ी है वहीं इन कारों के संभावित खरीदारों की आय इन पिछले दो सालों में घटी है। सांघी ने बताया कि यूं तो सभी प्रकार की कारों की कीमत बढ़ी है, लेकिन कारों की कीमत में बढ़ोतरी का असर सबसे अधिक एंट्री लेवल के कार उपभोक्ताओं पर हुआ है। ऊपर से पेट्रोल-डीजल के दामों में बढ़ोतरी ने तो इस वर्ग की आकांक्षाओं की कमर ही तोड़ दी है। मोटरसाइकिल को छोड़कर कार खरीदने का सपना देखने वालों इन लोगों ने अब कार खरीदने के अपने सपने को मुल्तवी कर दिया है। इस कारण एंट्री लेवल के कार सेगमेंट से खरीदार गायब सा हो गया है।
टू-व्हीलर सेगमेंट भी यही मुश्किल ऑटो इंडस्ट्री में करीब 40 दशक का अनुभव रखने वाले और जेएस फॉर व्हील के एमडी निकुंज सांघी ने बताया कि यही ट्रेंड टू-व्हीलर सेगमेंट में भी देखा जा रहा है। 70 हजार से कम कीमत वालीं बाइक यानी एंट्री सेगमेंट से खरीदार गायब है। सिर्फ हाई एंड के टू-व्हीलर ही बिक रहे हैं। इसका भी कारण वही है, साइकिल को छोड़कर मोटरसाइकिल खरीदने का सपना देखने वाले वर्ग की आय में गिरावट आई है। इस कारण वो अब मोटरसाइकिल खरीदने की नहीं सोच रहा है।
प्रीमियम सेगमेंट में बनी हुई है जोरदार ग्रोथ सांघी ने बताया कि फिलहाल तो प्रीमियम खंड की कारों में ही बिक्री बढ़ने की उम्मीद है, क्योंकि समृद्ध खरीदारों की आय मजबूत बनी हुई है। इसी तरह अधिक कीमत वाले दोपहिया वाहनों की हिस्सेदारी भी लगभग 40 प्रतिशत बनी रहेगी। कार सेगमेंट में प्रीमियम खंड में 8 लाख रुपये से अधिक कीमत वाली कारें आती हैं, जबकि 70,000 रुपये से अधिक कीमत वाले दोपहिया वाहन उच्च कीमत श्रेणी में आते हैं।
सस्ती कारों की ग्रोथ सिर्फ 7 प्रतिशत क्रिसिल की रिपोर्ट में भी कहा गया है कि भारत में आमतौर पर पहली बार कार खरीदने वाले ग्राहक कम कीमत वाली गाड़ी खरीदते हैं। क्रिसिल ने कहा कि पिछले वित्त वर्ष में प्रीमियम खंड की कारों की बिक्री सस्ती कारों के मुकाबले पांच गुना तेजी से हुई। इनकी वार्षिक वृद्धि दर 38 प्रतिशत रही, जबकि सस्ती कारों की बिक्री में लगभग सात प्रतिशत की ही बढ़ोतरी हुई। नतीजतन, प्रीमियम कारों की बाजार हिस्सेदारी पिछले वित्त वर्ष में बढ़कर लगभग 30 प्रतिशत हो गई, जो 2020-21 में 25 प्रतिशत थी।