गोविन्दगढ़ पंचायत समिति में 22 जनवरी को चुनाव ( Rajasthan Panchayat Election 2020 ) होने हैं। वहां किशनपुरा में सरपंच पद के लिए पति और पत्नी दोनों ने ही नामांकन दाखिल किया है। चुनाव चिह्न आवंटित होने के बाद अब दोनों ही जोर-शोर से चुनाव के लिए प्रचार मेें ताकत झोंक रहे हैं। यहां 25 लोगों ने नामांकन दाखिल किए थे। इनमें से एक का नामांकन रद्द हो गया और 9 दावेदारों ने नाम वापस ले लिए। अब सरपंच पद के लिए 15 प्रत्याशी मैदान मेें हैं। इनमें किशनपुरा के पूर्व सरपंच हरदेव देवन्दा व उनकी पत्नी परमेश्वरी देवी भी आमने-सामने हैं।
गोविन्दगढ़ में भगवतीदेवी सरपंच पद पर और उनके पति रणजीत सिंह वार्ड पंच पद पर चुनाव लड़ रहे हैं। कालाडेरा में सरपंच पद के लिए विकास कुमार टांक और उनकी पत्नी मोनू वर्मा वार्ड पंच पद के लिए चुनाव मैदान मेें हैं।
सामोद में देवरानी-जेठानी आमने-सामने हैं। जेठानी रेखादेवी वर्तमान सरपंच की पत्नी हैं जबकि देवरानी संतोषदेवी पूर्व पंचायत समिति सदस्य की पत्नी। सामोद में सरपंच पद के लिए सामान्य महिला सीट आरक्षित है। सरपंच पद पर 8 प्रत्याशी मैदान में हैं।
गोविन्दगढ़ मेें सरपंच पद पर दो सगे भाई मोहनलाल व छीतरमल कुमावत चुनाव मैदान में आमने-सामने ताल ठोक रहे हैं। दोनों ही अपने-अपने चुनाव प्रचार मेें जोर-शोर से लगे हुए हैं।
वहीें दूसरी ओर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आरोप लगाया कि बदतर आर्थिक स्थिति, महंगाई और बेरोजगारी जैसे अहम मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए केंद्र सरकार सीएए और एनआरपी जैसे मुद्दों को तूल दे रही है। दूसरी बार आम चुनाव जीतने के बाद केंद्र सरकार घमंड में आ गई है। जयपुर लौटने से पहले गहलोत ने मीडिया से कहा कि आर्थिक हालत बिगड़ रही है। एक्सपोर्ट नहीं हो रहा। एक्सपोर्ट के बिना इकॉनोमी ठीक हो नहीं सकती। बेरोजगारी, महंगाई बढ़ रही है। नौकरियां जा रही हैं लेकिन सरकार का इस पर ध्यान नहीं है।