इन पर रहेगी सबकी नजर
इस गणना के बाद अब पैंथर, भालू, हिरणों में काला हिरण, चिंकारा, चौसिंगा, चीतल, सांभर, नीलगाय सहित डॉग फैमिली में हायना, सियार और भेडिय़ों की संख्या पर सबकी नजर रहेगी। उल्लेखनीय है कि पिछले कई सालों में डॉग फैमिली की संख्या बढ़ी है, तो भेडिय़ों की कम हुई है। जानकारी के अनुसार, बाघ परियोजना क्षेत्रों में बाघों की भी गणना हुई है। बावजूद आंकड़े प्रदेश की सेंसस में जोड़े नहीं जाएंगे।
झालाना में 15 पैंथर, दुर्लभ जीव भी
झालाना वन क्षेत्र सहित गलता, नाहरगढ़, जलमहल और आमेर में पैंथर नजर आए। जयपुर में 31 पैंथर की गणना सामने आई हैं। हायना की संख्या में भी इजाफा और सियार की कम संख्या बताई जा रही है। जानकारी के अनुसार, इस गणना में कई दुर्लभ जीव भी दिखाई दिए। इनमें सियोगोश, पेंगोलियन, चौसिंगा शामिल हैं।
284 वन्य जीवों की बढ़ोतरी जयपुर ग्रामीण रेंज में वन्यजीवों की गणना से वनप्रेमियों में खुशी की लहर है। करीब सभी रेंज क्षेत्र में वन्यजीवों में बढ़ोतरी देखी गई है। जिसमें विराटनगर रेंज में 2 तथा पावटा रेंज में 1 बघेरा बढ़़ा है। वहीं शाहपुरा-कोटपूतली रेंज में बघेरों की संख्या पिछले साल की तुलना में यथावत है। कोटपूतली वन क्षेत्र के इलाके में गणना के दौरानन दिन में केवल नील गाय, सिार मोर आदि नजर आए। रात में पैंथर कर दहाड़ सुनाई दी। रात के समय पेयजलस्रोत के समीप वन्य जीवों की आवाजाही होने से इनकी गणना की गई। इससे वनकर्मी उत्साहित रहे। वन्य जीवों की गणना के दौरान क्षेत्र में 7 बघेरों के पगमार्क मिले हैं। पिछले साल भी सात बघेरों के पदमार्क मिले थे। वन विभाग की बघेरे (पैंथर) के कुनबे पर विशेष नजर रही, लेकिन इनमें कोई कमी व बढ़ोतरी नहीं हुई। हालांकि पिछले साल की तुलना में 284 वन्य जीवों की बढ़ोतरी हुई है। इनमें सियार, नील गाय जैसे वन्य जीवों की अधिक बढ़ोतरी हुई है।