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नहीं थम पा रही वन्य जीवों की तस्करी

locationजयपुरPublished: Oct 26, 2019 12:46:21 am

Submitted by:

Abrar Ahmad

अब जयपुर में पकड़े नेवले के बाल के ब्रश के साथ दो तस्कर दबोचे, जेला भेजा, वन विभाग की कार्रवाई, ब्रश का पेंटिंग बनाने में होता है उपयोग

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जयपुर. कभी टाइगर के नाखून तो कभी शेर के बाल, अब नेवले के बाल पकड़ में आए हैं। जी हां राजधानी में वन्यजीव तस्करों ने अपना जाल बिछा रखा है। वे न केवल वन्य जीवों की तस्करी कर रहे हैं बल्कि उनके उत्पाद से जमकर कमाई भी कर रहे हैं। ताजा मामला जयपुर में नेवल के बाल के बने ब्रश बरामद होने का है।
वन विभाग की टीम ने एक दिन पहले आदर्श नगर और सवाईमान सिंह अस्पताल के सामने कार्रवाई कर नेवले के बाल से बने ब्रुश वाले दो वन्यजीव तस्कर को दबोचा। जिसमें से एक आरोपी को न्यायालय में पेश किया। जहां से उसे जेल भेज दिया गया। दूसरे तस्कर को शुक्रवार को न्यायालय में पेश किया जाएगा। वन विभाग को बड़ी चौपड़ में एक पेंटिंग की दुकान पर नेवले के बालों के बने ब्रश की बिक्री की सूचना मिली। वन विभाग की टीम ने बुधवार को एक महिला वनकर्मी को बोगस ग्राहक बनाकर भेजा। आरोपी आरिफ बेग पुत्र उमर बेग ने महिला से १०० ब्रश का सौदा ५५०० रुपए में तय किया। १५०० रुपए एडवांस दिए। बाकी रुपए लेने और ब्रश लेने गुरुवार को आरोपी को आदर्शनगर स्थित धोबियों के चौराहा पर बुलाया। जैसे ही आरोपी ने ब्रश दिए। तुरंत उसे टीम ने दबोच लिया। उससे मौके पर १०० ब्रश बरामद हुए। पूछताछ में उसने उक्त ब्रश नाहरी का नाका निवासी मुकेश से खरीदने की बात स्वीकारी। उसके बाद टीम ने मुकेश को भी सवाईमान सिंह अस्पताल के सामने बुलाया, उसे भी १४ ब्रश के साथ पकड़ लिया।
पेंटिंग में काम आता है यह ब्रश

पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि, ब्रश का इस्तेमाल पेंटिंग बनाने में किया जाता था। विभाग ने आरिफ बेग को न्यायालय में पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया। दूसरे आरोपी को शुक्रवार को पेश किया जाएगा। बता दें, नेवला वन्यजीव अधिनियम १९७२ के तहत अनुसूची २ में शामिल है। इससे पूर्व भी वन विभाग ने नेवले के बाल से बने ब्रश के साथ एक तस्कर को दबोचा था।
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