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क्या दिल्ली में “आप” बचा पाएगी सरकार या चलेगा मोदी का “मैजिक”

locationजयपुरPublished: Jan 06, 2020 08:24:07 pm

Submitted by:

Prakash Kumawat

दिल्ली में विधानसभा चुनाव की घोषणा का कार्यक्रम जारी होने के साथ ही आम आदमी पार्टी, भाजपा और कांग्रेस तीनों ही पूरी तरह से एक्शन मोड में आ गई है। यहां 8 फरवरी को वोट डाले जाएंगे और 11 फरवरी को मतगणना होगी। चुनाव में कौनसी पार्टी जनता के बीच किस मुद्दे को लेकर जाएगी। क्या आप बचा पाएगी अपनी सरकार, या चलेगा मोदी का मैजिक ।

Will the government able to save APP in Delhi Or will Modi's magic

क्या दिल्ली में “आप” बचा पाएगी सरकार या चलेगा मोदी का “मैजिक”

जयपुर
दिल्ली में विधानसभा चुनाव की घोषणा का कार्यक्रम जारी होने के साथ ही आम आदमी पार्टी, भाजपा और कांग्रेस तीनों ही पूरी तरह से एक्शन मोड में आ गई है। यहां 8 फरवरी को वोट डाले जाएंगे और 11 फरवरी को मतगणना होगी। चुनाव में कौनसी पार्टी जनता के बीच किस मुद्दे को लेकर जाएगी। क्या आप बचा पाएगी अपनी सरकार, या चलेगा मोदी का मैजिक ।
दिल्ली में सत्ताधारी दल आम आदमी पार्टी “आप” इस चुनाव में अपने पांच साल के काम को लेकर जनता के बीच जाएगी। इनमें मुफ्त बिजली-पानी, स्कूल, मोहल्ला क्लीनिक जैसे लोकप्रिय निर्णय है जिन्हें लेकर एक बार फिर सरकार बनाने के लिए जनता के पास जाएगी। आप के पदाधिकारी इन सभी मुद्दों के साथ ही वोट बटोरने की रणनीति तैयार करने में जुटे हैं।
जबकि भारतीय जनता पार्टी को उम्मीद है कि इस बार दिल्ली में मोदी का जादू चल जाएगा। जिस तरह से मोदी सरकार ने दिल्ली में अनाधिकृत कॉलोनियों को पक्का किया है, उसे भाजपा भुनाने की तैयारी में जुटी है। 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने दिल्ली की सभी 7 लोकसभा सीटें जीती थी, उससे भी उत्साहित है, लेकिन यहां भाजपा के पास सीएम पद का चेहरा नहीं होने का उसे नुकसान भी उठाना पड़ सकता है। आम आदमी पार्टी की मुफ्त बिजली-पानी, स्कूल, मोहल्ला क्लीनिक जैसी योजनाओं के प्रभाव से पार पाना भाजपा के लिए बड़ी चुनौती बनी हुई है। इसके लिए भाजपा को भी अपने घोषणा पत्र में लोकलुभावन वादे करने के साथ ही उन्हें जनता के बीच प्रचारित भी करना होगा।
सबसे ज्यादा संघर्ष कांग्रेस को करना पड़ सकता है क्योंकि आप और भाजपा के प्रभाव के बीच मतदाताओं को लुभाकर सीटें निकालना बहुत मुश्किल है। वहीं नेताओं की आपसी गुटबाजी और शीला दीक्षित जैसा बड़ा चेहरा नहीं होने का खामियाजा कांग्रेस को उठाना पड़ सकता है। हालांकि कांग्रेस, दिल्ली की केजरीवाल तथा केन्द्र की मोदी सरकार की योजनाओं की कमियों को लेकर जनता के बीच जाएगी। सीएए और एनआरसी जैसे मुद्दे भी उछालेगी।
यह भी बता दें कि 2015 में दिल्ली में आम आदमी पार्टी ने 70 में से 67 सीटें जीतकर इतिहास रचा था। इस चुनाव में भाजपा को महज तीन सीटें मिली थी जबकि कांग्रेस तो खाता भी नहीं खोल सकी थी। ऐसे में कांग्रेस के लिए सीटें जीतना बहुत बड़ी चुनौती बनी हुई है।

ग्राफिक्स
कुल वोटर – 1,46,92136

पुरुष वोटर – 8055686

महिला वोटर – 6635635

थर्ड जेंडर – 815

NRI वोटर – 489

सर्विस वोटर्स – 11556

कुल पोलिंग बूथ – 13750
कुल विधानसभा सीटें- 70

58 सामान्य, 12 SC सीटें
कुल पोलिंग बूथ- 13750

स्थानों पर वोटिंग होगी – 2689

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