भारत में एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया ने कहा है कि अगर ये वैक्सीन सेफ है यानी इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं है और ये इफेक्टिव हौ तो भारत को इस वैक्सीन को तुरंत हासिल कर इसका मास प्राडक्शन करना चाहिए। इससे इस वैक्सीन के ट्रायल में तेजी आएगी और भारत की मास प्रोडक्शन कपैसिटी के साथ मिलकर ये वैक्सीन जल्दी बाजार में आ जाएगी।
फिलहाल रूस में टीके की लिमिटेड डोज तैयार हो चुकी हैं और रूस ने दावा किया है कि अपने हेल्थ वर्कर्स और शिक्षकों को वैक्सीन देने से इसकी शुरुआत करेगा। सितंबर में दूसरे देशों से भी रूस इसके अप्रूवल की बात करेगा।
रूसी एजेंसी TASS के मुताबिक रूस में यह वैक्सीन मुफ्त में मिलेगी। इस पर आने वाली लागत को देश के बजट में पूरा किया जाएगा। वहीं बाकी देशों के लिए वैक्सीन की कीमत का खुलासा अभी नहीं किया गया है।