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चीन के बूते भारतीयों को आतंकी घोषित कराने में जुटा पाकिस्तान

locationजयपुरPublished: Nov 22, 2019 01:25:59 am

Submitted by:

anoop singh

नापाक कोशिश: यूएन की अलकायदा प्रतिबंध समिति को सौंपा डोजियर

चीन के बूते भारतीयों को आतंकी घोषित कराने में जुटा पाकिस्तान

चीन के बूते भारतीयों को आतंकी घोषित कराने में जुटा पाकिस्तान

नई दिल्ली. पुलवामा हमले के बाद भारत संयुक्त राष्ट्र में अमरीका और फ्रांस की मदद से 1 मई को जैश-ए-मोहम्मद सरगना मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करवाने में कामयाब हो गया था। भारत लगातार पाकिस्तान में आतंकवाद को प्रश्रय मिलने के मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय मंच पर उठाता रहा है। इससे बौखलाया पाकिस्तान अब भारत को आतंकियों की फैक्ट्री साबित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र के स्थायी सदस्य व अपने सदाबहार मित्र चीन की मदद ले रहा है।
राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसियों ने खुलासा किया है कि पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1267 अलकायदा प्रतिबंध समिति के सामने चार भारतीयों के नाम आतंकी सूची में डालने की अपील की है। इसी समिति ने मसूद को वैश्विक आतंकी घोषित किया था।
पिछले सप्ताह ही पाकिस्तान ने समिति के समक्ष 2 भारतीयों-आंध्र प्रदेश निवासी अप्पाजी अंगारा और ओडिशा में जन्मे गोबिंद पटनायक दुग्गीवालसा को वैश्विक आतंकी घोषित करने की अपील की। पाक ने इनके खिलाफ 13 जुलाई को केस भी दर्ज कराया। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इससे पहले अक्टूबर में भारतीय नागरिक अजोय मिस्त्री और सितंबर में वेणु माधव डोंगरा को आतंकी बताते हुए पाकिस्तान ने चीन की मदद से संयुक्त राष्ट्र में भारत को शर्मिंदा करने की कोशिश की थी।
अप्पाजी और गोबिंद पटनायक पर आतंकी हमलों का आरोप
अ प्पाजी अप्पाजी अंगारा अफगानिस्तान के काबुल में एक बैंंक में सॉफ्टवेयर डेवलपर के रूप में काम कर रहे थे, जब उन्हें जनवरी 2018 की शुरुआत में काबुल से बाहर ले जाया गया। पाकिस्तान ने अप्पाजी पर तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान के समूह जमात-उल-अहरार की मदद से 13 फरवरी, 2017 को लाहौर के मॉल रोड पर आतंकी हमला करने का आरोप लगाया। समिति को सौंपी गए डोजियर में अंगारा पर 16 दिसंबर, 2014 को पेशावर में आर्मी स्कूल पर हमले और 2 सितंबर, 2016 को पेशावर में वारसाक कॉलोनी में बम धमाके का आरोप लगाया। वहीं दुग्गीवालसा पर पाकिस्तान ने 18 नवंबर, 2018 को बलूचिस्तान के मस्तुंग में पाकिस्तानी राजनेता सिराज रायसानी पर आतंकी हमले का आरोप लगाया। इसके बाद भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने उन्हें काबुल से बाहर निकाल लिया था।
गिरफ्तार लोगों के लिए कॉन्सुलर एक्सेस मांगा
भा रतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने पाकिस्तान में दो भारतीयों-प्रशांत और बारीलाल की पाक में गिरफ्तारी पर आश्चर्य व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि दोनों गलती से सीमा पारकर पाकिस्तान के पंजाब प्रांत पहुंच गए थे। इनकी जानकारी हमने ही पाक को दी थी। उन्होंने कहा, हमें उम्मीद है कि इन दो भारतीय नागरिकों का उपयोग पाकिस्तान अपने दुष्प्रचार के लिए नहीं करेगा। भारत ने पाकिस्तान में गिरफ्तार अपने नागरिकों को तत्काल कॉन्सुलर एक्सेस देने के लिए अनुरोध किया है।
अपहरण की थी आशंका
चारों भारतीयों को सुरक्षा एजेंसियों ने काबुल से सुरक्षित निकाल लिया था। अगर इन्हें निकाला नहीं जाता तो संभव है कि उनका आइएसआइ अपहरण कर लेती, जैसे ईरान से कुलभूषण जाधव को अगवा कर लिया गया था।
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