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जयपुर

कॉलेज में आने वाले नए विद्यार्थियों की मदद के बहाने उनमें सेंध लगा छात्रनेता बना रहे अपना वोट बैंक

राजस्थान विश्वविद्यालय में नया शैक्षणिक सत्र शुरू होने के साथ ही नेताओं की फ्रेशर्स पर नजर

जयपुरJul 26, 2019 / 10:45 am

HIMANSHU SHARMA

rajasthan university

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जयपुर
राजस्थान विश्वविद्यालय (University of Rajasthan)में नया शैक्षणिक सत्र (new academic session)शुरू हो चुका है। इसी शैक्षणिक सत्र के शुरू होने के साथ ही छात्रनेताओं की नेतागिरी भी शुरू हो गई है। छात्रनेता अपना वोटबैंक बनाने के लिए नए नए हथकंड़े अपना रहे हैं। लेकिन सबसे ज्यादा नजर नेताओं की फ्रेशर्स ( leaders look at the freshers)पर हैं। जो पहली बार स्कूल से कॉलेज में आए है। पहली बार स्कूल से कॉलेज में आकर प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों में नेताओं को अपना वोट नजर आ रहा हैं। यही कारण है कि कॉलेज में आने वाले इन नए विद्यार्थियों की मदद के बहाने वह उनमें सेंध लगा छात्रनेता अपना वोट बैंक बनाने में जुट गए हैं। क्योकि गत वर्ष हुए छात्रसंघ चुनावों (student union elections 2019)पर नजर ड़ाले तो सबसे ज्यादा कॉलेज में प्रथम वर्ष का विद्यार्थी ही आता है इसके साथ उसमें वोट ड़ालने का क्रेज भी रहता है। इसके साथ ही कॉलेज में नए होने के कारण फ्रेशर्स को मदद की जरूरत होती है। एकेडमिक से लेकर और प्रशासनिक मदद के बहाने वह या खुद छात्रनेता के पास पहुंच जाता है या फिर नेता उसकी मदद के लिए फ्रेशर्स के पास पहुंच जाते हैं।
इस तरह बना रहे वोटबैंक
छात्रनेताओं ने संघटक महाविद्यालयों में अपनी टीम बना रखी है। यह टीम कॉलेज में आने वाले हर प्रथम वर्ष के विद्यार्थी पर नजर बनाए हुए है। जो आते ही फ्रेशर के साथ अपनी दोस्ती करते है और कॉलेज से जुड़ी कोई भी समस्या के समाधान करने का उससे वादा करते है। साथ ही उसे कॉलेज से जुड़ी हर सूचना देने के नाम पर उसका नाम नंबर और पता अपनी डायरी में लिख रहे है। साथ ही मोटिवेशन कर रहे है। एनसीसी एनएसएस के विद्यार्थियों के बीच जाकर अपने अनुभव भी नेता शेयर कर रहे है और मागदर्शन दे रहे हैं। इसके साथ ही कॉलेजों में हैल्पडेस्क लगा रखी है और हैल्पलाइन नंबर भी जारी कर रखा हैं। डायरी में नाम और नंबर लिख नेता अपना वोट बैंक का डाटा तैयार करने में लगे है।
इसलिए फ्रेशर्स पर नजर
छात्रसंघ चुनावों में उम्मीदवारी जता रहे छात्रनेताओं ने फ्रेशर्स पर सबसे ज्यादा निगाहे बना रखी है और उन्हीं से संपर्क कर अपना वोट बैंक बनाने में जुटे हुए है। क्योकि राजस्थान विश्वविद्यालय में होने वाली वोटिंग में सबसे ज्यादा फ्रेशर्स वोट ड़ालते है। मतदान में होने वाले कुल वोटिंग प्रतिशत में प्रथम वर्ष और पीजी के प्रीवियस में पढ़ने वाले विद्यार्थियों की संख्या सबसे ज्यादा होती है। विश्वविद्यालय के अधिकारियों की माने तो कुल वोटिंग प्रतिशत में सबसे ज्यादा वोटिंग प्रथम वर्ष का फ्रेशर्स विद्यार्थी करता है।
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