scriptबिना केवाईसी भारत बिल पेमेंट सिस्टम से घर बैठे जमा कर सकते हैं स्कूल फीस | Without KYC, you can deposit school fees sitting at home through BPS | Patrika News

बिना केवाईसी भारत बिल पेमेंट सिस्टम से घर बैठे जमा कर सकते हैं स्कूल फीस

locationजयपुरPublished: Dec 07, 2022 11:23:55 pm

Submitted by:

Anand Mani Tripathi

भारतीय रिजर्व बैंक ने आम लोगों की सहूलियत के लिए भारत बिल पेमेंट सिस्टम (बीबीपीएस) का दायरा बढ़ा दिया है। इसके माध्यम से घर बैठे बच्चे की स्कूल फीस जमा की जा सकती है। दोबारा केवाइसी अपडेट कराने के लिए बैंक शाखा जाने की जरूरत नहीं होगी। केवाइसी की औपचारिकता ऑनलाइन पूरी जा सकती है। अभी तक बीबीपीएस से मर्चेंट रिकरिंग बिल भुगतान की ही सुविधा है।

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RBI launched digital rupee, know how to buy and use it

भारतीय रिजर्व बैंक ने आम लोगों की सहूलियत के लिए भारत बिल पेमेंट सिस्टम (बीबीपीएस) का दायरा बढ़ा दिया है। इसके माध्यम से घर बैठे बच्चे की स्कूल फीस जमा की जा सकती है। दोबारा केवाइसी अपडेट कराने के लिए बैंक शाखा जाने की जरूरत नहीं होगी। केवाइसी की औपचारिकता ऑनलाइन पूरी जा सकती है। अभी तक बीबीपीएस से मर्चेंट रिकरिंग बिल भुगतान की ही सुविधा है।

मौद्रिक नीति समिति की बैठक के बाद रिजर्व बैंक गवर्नर शक्तिकांत दास ने यह घोषणा की। उन्होंने कहा कि अब रिकरिंग और नॉन रिकरिंग दोनों तरह के बिल बीबीपीएस से चुकाए जा सकते हैं। पेशेवर सेवाओं की फीस, एजुकेशन फीस, टैक्स भुगतान, किराए का भुगतान या कलेक्शन जैसे काम इसके जरिए किए जा सकेंगे। यूटिलिटी और मर्चेंट को भी इसके जरिये सिंगल पेमेंट किया जा सकेगा। बीबीपीएस का संचालन नेशनल पेमेंट कारपोरेशन करती है। ग्राहकों को सुरक्षित व पारदर्शी सेवा मुहैया कराना इसका मकसद है।

रोक सकेंगे यूपीआई का फंड
आरबीआइ ने ग्राहकों को यूपीआइ फंड ब्लॉक (रोकने) की सुविधा भी दी है। मतलब यह कि मर्चेंट को किए जाने वाले पेमेंट को ग्राहक जरूरत पडऩे पर रोक सकते हैं। काम निपटाने के बाद मर्चेंट भुगतान कर सकते हैं।

ऑनलाइन केवाईसी
आरबीआइ गवर्नर ने कहा कि ग्राहकों को दोबारा केवाइसी कराने के लिए बैंक शाखा जाने की जरूरत नहीं होगी। यदि एड्रेस नहीं बदलवाना है तो बैंक इसे ऑनलाइन स्वीकार कर लेंगे। केंद्रीय बैंक की गाइडलाइन के मुताबिक, बैंकों को खाताधारकों की केवाइसी समय-समय पर अपडेट करनी होती है। खाता खुलवाते समय ग्राहक जो केवाइसी कराता है, उसे बाद में अपडेट करना पड़ता है। यदि कोई बैंक ग्राहक को ब्रांच आने के लिए दबाव डालता है तो उसके खिलाफ शिकायत कर सकते हैं।

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