मौद्रिक नीति समिति की बैठक के बाद रिजर्व बैंक गवर्नर शक्तिकांत दास ने यह घोषणा की। उन्होंने कहा कि अब रिकरिंग और नॉन रिकरिंग दोनों तरह के बिल बीबीपीएस से चुकाए जा सकते हैं। पेशेवर सेवाओं की फीस, एजुकेशन फीस, टैक्स भुगतान, किराए का भुगतान या कलेक्शन जैसे काम इसके जरिए किए जा सकेंगे। यूटिलिटी और मर्चेंट को भी इसके जरिये सिंगल पेमेंट किया जा सकेगा। बीबीपीएस का संचालन नेशनल पेमेंट कारपोरेशन करती है। ग्राहकों को सुरक्षित व पारदर्शी सेवा मुहैया कराना इसका मकसद है।
रोक सकेंगे यूपीआई का फंड
आरबीआइ ने ग्राहकों को यूपीआइ फंड ब्लॉक (रोकने) की सुविधा भी दी है। मतलब यह कि मर्चेंट को किए जाने वाले पेमेंट को ग्राहक जरूरत पडऩे पर रोक सकते हैं। काम निपटाने के बाद मर्चेंट भुगतान कर सकते हैं।
ऑनलाइन केवाईसी
आरबीआइ गवर्नर ने कहा कि ग्राहकों को दोबारा केवाइसी कराने के लिए बैंक शाखा जाने की जरूरत नहीं होगी। यदि एड्रेस नहीं बदलवाना है तो बैंक इसे ऑनलाइन स्वीकार कर लेंगे। केंद्रीय बैंक की गाइडलाइन के मुताबिक, बैंकों को खाताधारकों की केवाइसी समय-समय पर अपडेट करनी होती है। खाता खुलवाते समय ग्राहक जो केवाइसी कराता है, उसे बाद में अपडेट करना पड़ता है। यदि कोई बैंक ग्राहक को ब्रांच आने के लिए दबाव डालता है तो उसके खिलाफ शिकायत कर सकते हैं।