एक ब्लॉब दूसरे को सिखाता है
पेरिस संग्रहालय के प्राकृतिक इतिहास के निदेशक ब्रूनो डेविड के अनुसार, ब्लॉब एक ऐसा जीवित जीव है, जो प्रकृति के रहस्यों में से एक है। डेविड का कहना है कि यह हमें अश्चर्यचकित करता है कि बिना मस्तिष्क के भी यह सीखने की क्षमता रखता है। यही नहीं यदि आप दो ब्लॉब को एक साथ रखते हैं तो जिसने ज्यादा सीखा है, वह अपना ज्ञान दूसरों तक पहुंचा देता है। यहीं नहीं यह आश्चर्यजनक जीव बिना हाथ-पैरों के चल भी सकता है। यह एक कोशिकीय जीव न तो पौधा है, न मशरूम (फंगस) है और न ही जानवर। इसका इस्तेमाल वैज्ञानिक शोध में किया जा रहा है।
पेरिस संग्रहालय के प्राकृतिक इतिहास के निदेशक ब्रूनो डेविड के अनुसार, ब्लॉब एक ऐसा जीवित जीव है, जो प्रकृति के रहस्यों में से एक है। डेविड का कहना है कि यह हमें अश्चर्यचकित करता है कि बिना मस्तिष्क के भी यह सीखने की क्षमता रखता है। यही नहीं यदि आप दो ब्लॉब को एक साथ रखते हैं तो जिसने ज्यादा सीखा है, वह अपना ज्ञान दूसरों तक पहुंचा देता है। यहीं नहीं यह आश्चर्यजनक जीव बिना हाथ-पैरों के चल भी सकता है। यह एक कोशिकीय जीव न तो पौधा है, न मशरूम (फंगस) है और न ही जानवर। इसका इस्तेमाल वैज्ञानिक शोध में किया जा रहा है।
विज्ञान कथा के नाम पर रखा नाम
ब्लॉब का नाम एक युवा स्टीव एमसी क्वीन द्वारा अभिनीत 1958 के विज्ञान कथा हॉरर बी-फिल्म के नाम पर रखा गया था। इसमें एक छोटे से पेंसिल्वेनिया शहर में ब्लॉब अपने रास्ते में सब कुछ खा जाता है।
ब्लॉब का नाम एक युवा स्टीव एमसी क्वीन द्वारा अभिनीत 1958 के विज्ञान कथा हॉरर बी-फिल्म के नाम पर रखा गया था। इसमें एक छोटे से पेंसिल्वेनिया शहर में ब्लॉब अपने रास्ते में सब कुछ खा जाता है।