एएसआई रामकुमार मीना ने बताया कि आरोपी महिला पूजा उर्फ रत्ना निवासी सिहोर (मध्यप्रदेश) है। प्रकरण में पीडि़त देवली गांव निवासी किशनलाल खटीक की पत्नी का करीब पांच वर्ष पूर्व निधन हो गया था। इसके बाद रमेश निवासी जनता कॉलोनी देवली, निर्मला पत्नी दिनेश निवासी छीपा बड़ौद बारां, अविनाश निवासी छीपा बड़ौद बारां, रामप्रसाद राध्यापुरा गुना (एमपी), बीरम निवासी पीपल्दा गुना (एमपी) व सुरेश सोनी निवासी सिहोर (एमपी) ने पीडि़त किशनलाल से सम्र्पक कर उसकी शादी कराने का झांसा दिया। इस पर 16 मार्च 2018 को आरोपियों ने देवली तहसील में 500 रुपए के स्टाम्प पर दुल्हन पूजा के साथ पीडि़त किशनलाल के साथ शादी का अनुबंध कर लिया, जबकि शादी के अनुबंध में महिला ने अपना नाम पूजा छिपाकर शालीनि रख लिया।
शादी के नाम वसूले 1 लाख 20 हजार रुपए अनुबंध की एवज में गिरोह के सदस्यों ने पीडि़त किशनलाल से एक लाख 20 हजार रुपए वसूल किए। साथ में वादा किया कि यदि दुल्हन पत्नी के तौर पर नहीं रहती है तो वे राशि लौटाकर महिला को वापस ले जाएंगे। शादी के दूसरे दिन आरोपी पूजा 17 मार्च को नकदी व आभूषण सहित सामान लेकर घर से भाग छूटी। पीडि़त ने पीछा कर उसे देवली गांव रोड पर पकड़ लिया। बाद में पीडि़त ने अनुबंध कराने वाले गिरोह के लोगों से सम्पर्क कर उलाहना दिया तो आरोपियों ने 8 दिन बाद आकर अनुबंध राशि लौटाने व महिला को वापस ले जाने की बात कही, लेकिन कई दिनों तक कुछ नहीं हुआ।
तीन माह जेल में रहना पड़ा उधर, ठग दुल्हन ने फोन के जरिए भोपाल में अपने साथी से बात कर अपने अपहरण का भोपाल स्थित थाने में मामला दर्ज करा दिया। इस पर भोपाल पुलिस ने देवली आकर पीडि़त किशनलाल को गिरफ्तार कर लिया। किशनलाल, दुल्हन पूजा (शालीनी) को अपने साथ ले गई। पीडि़त करीब तीन माह तक जेल में रहा। यहां से रिहा होने पर पीडि़त ने देवली आकर थाने में आरोपियों व दुल्हन के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज करा दिया। इस पर पुलिस ने ठग दुल्हन को भोपाल जाकर गिरफ्तार कर लिया।