गौरतलब है कि आगरा रोड प्रेम नगर के नजदीक शनि मंदिर के पास मंगलवार देर रात एक 27 वर्षीय युवती के नग्न हालात में पड़े होने की सूचना पुलिस को मिली थी। मौके पर पहुंची पुलिस को युवती का मुंह टेप से चिपका हुआ मिला और पैर उसके अंतवस्त्र से बंधे थे। युवती ने बताया था कि रस्सी से बंधे हाथ उसने बड़ी मशक्कत से खोल लिए थे और कुछ दूर घटना स्थल से घिसटते हुए मुख्य रोड तक पहुंची। यहां लोगों को मदद के लिए हाथ हिलाकर गुहार लगाई। युवती को पुलिस ने एसएमएस अस्पताल के ट्रोमा सेंटर में भर्ती कराया गया था। यहां पर पर्चा बयान के आधार पर मामला दर्ज कर जांच शुरू की थी।
युवती के अनुसार वर्ष 2018 में ज्योति नगर थाने में बलात्कार और उस पर जानलेवा हमला करने का मामला दर्ज कराया था। उक्त मामला थाने के कांस्टेबल कपिल शर्मा के खिलाफ दर्ज कराया था। इसी वर्ष उक्त मामले में दीपेश चतुर्वेदी से मुलाकात हुई। दीपेश ने खुद को सचिवालय स्थित मानवाधिकार आयोग में उपनिदेशक बताया और कपिल को गिरफ्तार कराने का आश्वासन दिया। बदले में 45 हजार रुपए उससे ले लिए। कार्रवाई नहीं होने पर दो दिन पहले सचिवालय गई, वहां पता चला कि दीपेश मानवाधिकार आयोग में नहीं है। तब मंगलवार रात करीब सवा नौ बजे प्रेम नगर में दीपेश के घर पहुंची, वहां पर दीपेश के परिजनों को उससे हुई बातचीत की रिकॉडिंग सुना रही थी, तभी पीछे सिर में किसी ने जोरदार मारा। होश आया तो एक कमरे में बंद थी। वहां पर दीपेश, कपिल और दो अन्य युवक थे।
उन्होंने वीडियो कॉल के जरिए डॉक्टर अनुराग शर्मा को फोन किया और कहा कि इसको सबक सीखा दिया है। इसे खत्म कर देंगे, क्या करना है। पीडि़ता ने आरोप लगाया कि सिगरेट से उसके इंटरनल पार्टस को दाग रखा था। इंजेक्शन लगा रखा था। जगह-जगह ब्लेड से चीरा लगा रखा था और फिर मारपीट की। इससे बेहोश हो गई। होश आया तो जंगल में पड़ी थी। उसके मुंह में पकड़ा ठूंसकर टेप लगा रखी थी। हाथ-पैर बंधे थे।
फोटो – प्रतीकात्मक