शारीरिक और मानसिक विकास में आयरन महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। आयरन की कमी के कारण थकान, अनिद्रा और एकाग्रता की कमी के शिकार हो सकते हैं। आयरन हमोर शरीर में ऑक्सीजन का स्टोर करता है और शरीर के विभिन्न हिस्सों में पहुंचाता है। महिला को इसकी अधिक जरूरत होती है। आयरन के बेहतरीन स्रोतों में रेड मीट, ब्रोकली, बीन्स आदि हैं।
हड्डियों और दांतों को स्वस्थ और मजबूत बनाए रखने में कैल्शियम बहुत महत्वपूर्ण होता है। यूं तो हमारे शरीर को जीवनभर इसकी जरूरत होती है लेकिन ३५ साल की उम्र के बाद इसकी अधिक जरूरत होती है जब यह हमारे शरीर में कम होने लगता है। दूध, पनीर, पालक, बादाम और फलियां में कैल्शियम पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है।
हमारे लिए विटामिन डी एक महत्वपूर्ण विटामिन है जिसकी अधिकतर लोगों में कमी पाई जाती है। विटामिन डी का स्तर जांचने के लिए जांच कराई जा सकती है। अधिकतर लोग सूरज से ही विटामिन डी हासिल करते हैं लेकिन यह इतना आसान भी नहीं है। विटामिन डी मूड, ब्रेस्ट हेल्थ और केल्शियम आब्जर्शन के लिए जरूरी है।
मैग्रीशियम शरीर की कई रासायनिक क्रियाओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। ये नसों, मासपेशियों की टोन और हड्डियों की मजबूती के लिए बहुत महत्वपूर्ण पोषक तत्व है। मेग्रीशियम हृदय रोग से बचाता है और रक्तचाप को नियंत्रित बनाए रखता है। कद्दू के बीज, पालक, काले बीन्स और बादाम मेग्रीशियम के स्रोत हैं।
पोटेशियम तंत्रिका आवेगों, मासपेशी संकुचन और शरीर में फ्लड बैलेंस के लिए महत्वपूर्ण है। यह हड्डियों को स्वस्थ और मजूबत बनाता है और शरीर को ऊर्जस्वित बनाए रखता है। हमें हृदय रोग और उच्च रक्तचाप से बचाता है। मांस के अलावा दही, शकरकंद, पालक, ब्रोकली आदि से यह मिलता है।
हमारे इम्यून सिस्टम की मजबूती के लिए विटामिन सी एक महत्वपूर्ण पोषक तत्व है। यह शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट है जो कोशिका क्षति से हमें बचाता है। कोलेजन के उत्पादन में विटामिन सी महत्वपूर्ण होता है। यह हमारी त्वचा, मासपेशियां और उत्तकों को स्वस्थ बनाने में मददगार होता है। संतारा, कीवी, स्ट्राबेरी, खरबूजा विटामिन सी के बेहतरीन स्रोत हैं।
फाइबर पेट और आंतों संबंधी परेरशानियों में हमें राहत देता है। १९ से ५० साल की महिला को रोजाना २५ ग्राम फाइबर की जरूरत होती है। फाइबरयुक्त खाद्य पदार्थ टाइप-2 डायबिटीज और हृदय रोग में भी फायदेमंद होते हैं। फल-सब्जियां, साबुत अनाज आदि फाइबर के बेहतरीन स्रोत माने जाते हैं।