पहले फोन हैक किया, फिर निकाले रुपए: मोतीडूंगरी निवासी एक महिला के साथ भी कुछ ऐसी ही घटना हुई। महिला को जालसाज ने खुद को पेटीएम कर्मचारी बताकर मोबाइल फोन हैक किया और पचास हजार रुपए खाते से निकाल लिए। पुलिस ने बताया कि ठगी की घटना 51 वर्षीय प्रीति असावा के साथ हुई। प्रीति ने बताया कि पेटीएम केवायसी करवाने के मैसेज पिछले कुछ दिनों से आ रहे थे। 19 जनवरी को फोन आया।
फोन करने वाले ने खुद को पेटीएम से होना बताया। उसने पेटीएम केवायसी करने के लिए प्ले स्टोर से क्यूएस ऐप डाउनलोड करवाया। बातों में आकर प्रीति ने ऐप डाउनलोड कर लिया। इसके बाद जालसाज ने पेटीएम में एक रुपया डालने को कहा। झांसे में आकर प्रीति ने एक रुपया डाल दिया। इसके बाद मोबाइल हैक हो गया। जब केवायसी नहीं हुआ तो महिला ने जालसाज को बताया। उसने कहा आप दूसरे कार्ड से एक रुपए पेटीएम में ट्रांसफर कीजिए। महिला ने फिर दूसरे कार्ड से वैसा ही किया। इसके बाद दोनों कार्ड से करीब पचास हजार रुपए खाते से निकल गए।
धोखाधड़ी से यों बचें
ऑनलाइन लेन-देन की धोखाधड़ी से बचने के लिए अपने बैंक और कार्ड का ब्योरा, कार्ड नंबर, पिन, सीवीवी, ओटीपी नंबर, बैंक खाता पासवर्ड सहित अन्य जानकारी किसी के साथ साझा नहीं करें।
गृह मंत्रालय ने जारी की पुस्तिका
केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने सायबर जालसाजी से बचने के लिए एक पुस्तिका जारी की है। इसमें सायबर खतरों जैसे सायबर बुलिंग, साइबर ग्रूमिंग, ऑनलाइन गेमिंग, ई-मेल धोखाधड़ी, ऑनलाइन लेन-देन में धोखाधड़ी और सॉशल नेटवर्किंग प्रोफाइल्स की सुरक्षा के उपायों के संबंध में बताया गया है। राजस्थान पुलिस ने अपनी वेबसाइट पर इस पुस्तिका को अपलोड कर रखा है।