महिलाओं की उड़ान पर पूर्वाग्रहों का ब्रेक
अध्ययन किए गए 75 देशों में से केवल छह ऐसे थे जिनमें अधिकांश लोगों के पास महिलाओं के प्रति कोई पूर्वाग्रह नहीं था।

साल दर साल महिला दिवस आते जाएंगे और महिलाएं अपने लिए कुछ पसंदीदा चीजें खरीदकर, कुछ अच्छा खाकर या कोई पार्टी करके इस बिता लेंगी। लेकिन महिला दिवस किसी एक दिन की कहानी नहीं बल्कि महिलाओं के जीवन में बदलाव लाने का क्रम है, जिसमें जरूरी है कि उन्हें पुरुषों के समान हक मिलें, नौकरियों के अवसर और रहने, घूमने-फिरने की आजादी हो। आंकड़े चौंकाते हैं कि फिलहाल ऐसा नहीं है। संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) की ओर से प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार 90 फीसदी लोग महिलाओं के खिलाफ पक्षपाती हैं। लैंगिक असमानता को कम करने के प्रयासों के बावजूद 91त्न पुरुष और 86त्न महिलाओं ने राजनीति, अर्थशास्त्र, शिक्षा, हिंसा या प्रजनन अधिकारों के बारे में महिलाओं के खिलाफ कम से कम एक पूर्वाग्रह रखा है। यूएनडीपी द्वारा जारी किया गया यह पहला 'जेंडर सोशियल नॉर्म इंडेक्स' है, जिसमें 75 देशों के आंकड़ों का विश्लेषण किया गया, जो कि दुनिया की 80 फीसदी से अधिक का प्रतिनिधित्व करते हैं। रिपोर्ट में यह पाया गया कि लगभग 50 फीसदी लोगों को लगता है कि पुरुष बेहतर राजनेता हैं और 40 फीसदी से अधिक लोग मानते हैं कि पुरुष बेहतर कारोबारी नेता होते हैं। वहीं एक तिहाई पुरुषों और महिलाओं को ऐसा लगता है कि एक पुरुष द्वारा अपनी पत्नी को पीटना स्वीकार्य है। अध्ययन किए गए 75 देशों में से केवल छह ऐसे थे जिनमें अधिकांश लोगों के पास महिलाओं के प्रति कोई पूर्वाग्रह नहीं था। एंडोरा, ऑस्ट्रेलिया, नीदरलैंड्स, न्यूजीलैंड, नॉर्वे और स्वीडन में भी सबसे प्रगतिशील समाज पाया गया। यहां की आधी आबादी किसी भी प्रकार के पूर्वाग्रह से मुक्त थी। यूएनडीपी के मानव विकास रिपोर्ट कार्यालय के निदेशक पेड्रो कॉन्सेकाओ ने निष्कर्षों के बारे में कहा कि हम सभी जानते हैं कि हम एक पुरुष प्रधान दुनिया में रहते हैं। अफसोस है कि जो आंकड़े हमें मिले हैं, वे चौंकाने वाले हैं। चिंता की बात यह है कि कुछ जगहों पर समस्या और भी बुरी होती जा रही है।धारणा है कि पुरुष बेहतर राजनेता होते हैं महिलाओं की तुलना में। पुरुषों के लिए विश्वविद्यालय ज्यादा जरूरी हैं महिलाओं की तुलना में। पुरुष ज्यादा अच्छे एग्जीक्यूक्टिव होते हैं, महिलाओं की तुलना में। यहां तक कि पुरुषों को महिलाओं से अधिक नौकरी करने के अधिकार उपलब्ध हैं। इन सभी धारणाओं पर अधिकतर लोगों ने सहमति जताई।
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