scriptये शर्मनाक: लाॅकडाउन में अनलाॅक हो गई घरेलू हिंसा, चालीस हजार महिलाओं ने मांगी पुलिस से मदद | women crime hike into lockdown in Rajasthan | Patrika News

ये शर्मनाक: लाॅकडाउन में अनलाॅक हो गई घरेलू हिंसा, चालीस हजार महिलाओं ने मांगी पुलिस से मदद

locationजयपुरPublished: Jun 04, 2021 11:39:09 am

Submitted by:

JAYANT SHARMA

दरअसल लाॅकडाउन के दौरान तारा को पति और सास ससुर ने इतना परेशान किया कि वह जान देने की सोचने लगी।

Gangrape

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जयपुर
26 साल की तारा का दो साल पहले ही विवाह हुआ और पति ने भी जयपुर आकर कपड़ों का बड़ा व्यापार शुरु किया। व्यापार अच्छा चला भी लेकिन पिछले साल लगे लाॅकडाउन के कारण कुछ परेशानी बढ़ी। उसके बाद इस साल मार्च से ही शुरु होने वाली पाबंदियों और उसके बाद लाॅकडाउन का इतना बड़ा असर व्यापार पर पड़ा कि अब शादी बचाना मुश्किल हो गया। दरअसल लाॅकडाउन के दौरान तारा को पति और सास ससुर ने इतना परेशान किया कि वह जान देने की सोचने लगी। घरेलू हिंसा की श्रेणी में आने वाले अपराध उसके साथ हुए। परिजनों को नहीं बताया लेकिन ज्यादा परेशान होने पर महिला हैल्प लाइन 1090 पर काॅल कर मदद मांगी। पुलिस ने मदद की और पति के साथ ही सास-ससुर को पाबंद भी किया। तारा जैसी ही कहानी शहर एवं प्रदेश के हजारों घरों की है। लाॅकडाउन में दरअसल महिला अपराध अनलाॅक हो गए हैं। उन घरों में ज्यादा परेशानी हो रही है जहां पर परिवार छोटे हैं।
लाॅकडाउन में अपने ही घर में सुरक्षित नहीं है महिलाएं, चालीस हजार से ज्यादा काॅल मदद के लिए
डीसीपी हेडक्वार्टर जयपुर डॉ, अमृता दुहान ने बताया कि लॉकडाउन से पहले जयपुर पुलिस को महिला गरिमा हेल्पलाइन 1090 पर महिला उत्पीड़न से संबंधित औसत 400 शिकायतें प्रतिमाह प्राप्त होती थीं और जैसे ही लॉकडाउन शुरू हुआ वैसे ही महिला उत्पीड़न से संबंधित शिकायतों में इजाफा होने लगा। यदि वर्ष 2020 के आंकड़ों पर नजर डालें तो मार्च में महिला उत्पीड़न से संबंधित 380 शिकायतें पुलिस को प्राप्त हुई थीं। वहीं, लॉकडाउन लगने के बाद अप्रैल में पुलिस को 3 हजार 237 शिकायतें एवं मई में दो हजार से ज्यादा शिकातें महिला उत्पीड़न से संबंधित प्राप्त हुई। इसी प्रकार से वर्ष 2021 में फरवरी माह में पुलिस को महिला उत्पीड़न से संबंधित 812 शिकायतें प्राप्त हुई और कोरोना कि दूसरी लहर को देखते हुए सरकार द्वारा लगाई गई पाबंदियों के बाद मार्च 2021 में महिला उत्पीड़न से संबंधित 1 हजार 208 शिकायतें पुलिस को प्राप्त हुई। अपे्रेल और मई में भी मिलाकर करीब चार हजार से ज्यादा केस सामने आए। पूरे प्रदेश की बात की जाए तो पिछले साल के दो महीने और इस साल के तीन महीनों के दौरान करीब चालीस हजार काॅल पुलिस के पास महिलाओं ने मदद के लिए किए हैं। नब्बे प्रतिशत से ज्यादा काॅल पर पुलिस ने रिस्पांड भी किया है।
काम बंद, पैसा ब्लाॅक, उधारी नहीं लौट रही इसलिए बढ़ रहा मानसिक तनाव
दरअसल लॉकडाउन के कारण सभी लोग अपने घर पर हैं और ऐसे में उनका डेली रूटीन काफी प्रभावित हुआ है। जिसके चलते लोग काफी ज्यादा मानसिक तनाव में हैं और इसी के चलते महिलाओं पर होने वाले अत्याचारों में इजाफा देखने को मिल रहा है। अधिकतर लोगों का काम बंद हैं। जिनका काम जारी है उनका पैसा बाजार में ब्लाॅक है। लोगों की दी गई उधारी नहीं लौट रही है। पुलिस केसेज बन रहे हैं और इस कारण मानसिक तनाव का स्तर अब तक के चरम पर है। बहुत से केसेज वे भी सामने आए हैं जब लोगों ने अपने परिवार के सदस्यों के इजाज के लिए बाजार से उधार पैसा भी लिया लेकिन उसके बाद भी परिजनों को नहीं बचा सके।
इन शिकातयों को लेकर आ रहे हैं काॅल
लॉकडाउन के दौरान महिलाओं की जो शिकायतें प्राप्त हो रही हैं। उनमें अधिकतर शिकायतें अननोन नंबर से लोगों द्वारा फोन कर उन्हें परेशान करने और सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफॉर्म पर उन्हें अप्रोच कर परेशान करने से संबंधित हैं। इसके साथ ही मुख्य रूप से घर पर पति द्वारा या सास.ससुर द्वारा प्रताड़ित करने की शिकायतें प्राप्त हो रही हैं। इसके साथ ही लॉकडाउन के दौरान शराब की दुकानों के खुलने पर भी महिलाओं के साथ छेड़छाड़ और दुर्व्यवहार की शिकायतें प्राप्त हो रही हैं।
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