रविवार तक चलने वाले तीन दिवसीय महोत्सव में 24 राज्यों की 150 से ज्यादा महिला उद्यमी और विभिन्न स्वयं सहायता समूह जैविक उत्पादों से बने तरह-तरह के व्यजनों को प्रदर्शित कर रही हैं। इनमें फल-सब्जियां, तैयार खाद्य उत्पाद, मसाले, शहद, मोटे अनाज, सूखे मेवे पेय पदार्थ, औषधीय पौधों, तेल, जैम, जेली, मुरब्बा और चटनी शामिल हैं। इस महोत्सव का उद्देश्य महिला उद्यमियों को स्थायी और उचित माहौल प्रदान करना और खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में नवीनतम तकनीकों के साथ जुड़ने के लिए मौका देना है।
गौरतलब है कि खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय और महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने एक सहमति पत्र (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए, ताकि महिला उद्यमियों को सरकारी वित्त योजनाओं जैसे कि मुद्रा (सूक्ष्म इकाई विकास एवं पुनर्वित्त एजेंसी), स्टार्टअप इंडिया से जुड़ने का मौका मिले। साथ ही विश्व बाजार में प्रतिस्पर्धी बने रहने के लिए आवश्यक अनुपालनों को पूरा करने में मदद मिल सके।