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Happy Birthday Vasundhara Raje : वसुंधरा राजे का ग्वालियर राजघराने से लेकर राजस्थान की सीएम बनने तक का सफर

locationजयपुरPublished: Mar 08, 2019 12:56:44 pm

Submitted by:

neha soni

जब राजघराने की बहू ने संभाली राजस्थान की सियासत…

 Vasundhara Raje
जयपुर।

जहां हम सब 8 मार्च को womans day मनाते है वही आपको बता दे इसी खास दिन जन्म हुआ एक खास शख्सियत का जो बनी राजस्थान की पहली महिला मुख्यमंत्री। जी है हम बात कर रहे है वसुंधरा राजे सिंधिया की। वसुन्धरा राजे का जन्म 8 मार्च 1953 को मुम्बई में हुआ। वसुंधरा राजे एक शाही परिवार से संबंधित हैं, उनके पिता स्वर्गीय जीवाजीराव सिंधिया ग्वालियर के महाराजा थे और उनकी माँ का नाम विजयाराज सिन्धिया है। राजे मध्य प्रदेश के कांग्रेस नेता माधव राव सिंधिया की बहन हैं। वसुंधरा राजे को राजनीति विरासत में मिली है। राजे की माँ विजयाराज सिन्धिया पति के निधन के बाद वे राजनीति में सक्रिय हुई थी और 1957 से 1991 तक आठ बार ग्वालियर और गुना से सांसद रहीं।
वसुंधरा राजे का ग्वालियर राजघराने से लेकर राजस्थान की सीएम बनने तक का सफर
करीब 20 साल की उम्र में 1972-73 में उनकी शादी धौलपुर राजघराने के हेमंत सिंह से हुई। वसुंधरा राजे और हेमंत सिंह की का एक पुत्र है। जिनका नाम दुष्यंत सिंह है। पर आपसी मनमुटाव के चलते वैवाहिक जीवन लम्बे समय तक नहीं चल पाया।

वसुंधरा ने अपने राजनीतिक करियर का आगाज मध्यप्रदेश के भिंड से किया जो कभी उनकी माँ की सियासत के अंदर आती थी। जहा से उन्होंने पहली बार चुनाव लड़ा और वो 87 हजार वोटो से कांग्रेस के कृष्ण सिंह से हार गयी थी।

‘बाबोसा’ का विशेष योगदान
वसुंधरा राजे के सियासी जीवन के पीछे बाबोसा यानि भैरोसिंह शेखावत का विशेष योगदान रहा है। यही वजह रही थी की जब राजस्थान की राजनीति से अलग थलग रहने वाली राजे राजस्थान की पहली महिला मुख्यमंत्री बनी।
8 दिसम्बर 2003 से 10 दिसम्बर 2008 तक वसुन्धरा राजे को राजस्थान की प्रथम महिला मुख्यमंत्री के रूप में कार्य करने का गौरव मिला।
एक इंटरव्यू के दौरान जब वसुंधरा राजे से पूछा गया की उन्होंने राजनीति के आने का फैसला कैसे किया ‘तब उन्होंने कहा की घूंघट के निचे सिर्फ पैर दिखाई देते है दुनिया नहीं।’ तब उन्होंने राजनीती में आने का फैसला किया। राजे को अक्सर विपक्षी दलों ने महारानी का नाम दिया है। विपक्षी दलों का आरोप रहा है राजे हमेशा एक महारानी की तरह रहती है वह कभी जनता के बिच नहीं रहती।
जब सीएम पद पर रहते हुए राजे से सवाल किया गया की ‘8 PM नो CM’ तो राजे ने कहा की मेरी भी कुछ सीमाएं है में भी एक महिला हु और एक निश्चित समय के बाद महिला को घर में जाना ही पड़ता है।
वसुंधरा राजे रक निडर, दबंग तेवरों और लड़ाकू अंदाज वाली नेता के तौर पर देखा जाता है।

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