महिलाएं भी आगे आएं और स्वावलम्बी बनें.कुलपति
कावनी में किया प्रशिक्षण का अवलोकन
बीकानेर स्थित स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय (Swami Keshavanand Rajasthan Agricultural University, Bikaner) केVice Chancellor Prof. R.P. Singh) ने यूनिवर्सिटी सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (University Social Responsibility) के तहत गोद लिए गए गांव कावनी में आयोजित दस दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का अवलोकन किया। कुलपति ने बताया कि गृह विज्ञान महाविद्यालय के खाद्य एवं पोषण विभाग की ओर से राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (National agricultural development plan) के तहत 'शुष्क क्षेत्रीय फलों एव सब्जियों के मूल्य संवर्धित उत्पाद' विषय (Value added products of dry regional fruits and vegetables) पर प्रशिक्षण आयोजित किया जा रहा है। इसमें 30 महिलाएं भाग ले रही हैं। प्रशिक्षण के दौरान आंवला, बेर और ग्वारपाठा आदि के मूल्य संवर्धित उत्पाद बनाना सिखाया गया। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय ने हाल ही में कावनी को गोद लिया है। इसके बाद यह पहला बड़ा कार्यक्रम है। सामूहिक प्रयासों से कावनी में आधारभूत सुविधाओं के विकास के प्रयास होंगे। विश्वविद्यालय के वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक यहां नियमित भ्रमण करेंगे और किसानों की समस्याओं के समाधान किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि अब समय आया गया है कि महिलाएं भी आगे आएं और स्वावलम्बी बनें। जिससे परिवार की आय बढ़ सके और ऐसे परिवारों को भी पर्याप्त अवसर मिले। विश्वविद्यालय द्वारा भी इस दिशा में पूर्ण प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने मूल्य संवर्धन, प्रसंस्करण और विपणन की संभावनाओं पर प्रकाश डाला। प्रशिक्षणार्थी महिलाओं को प्रमाण पत्र भी वितरित किए। महिलाओं ने भी प्रशिक्षण के अनुभवों के बारे में बताया। गृह विज्ञान महाविद्यालय की अधिष्ठाता डॉ. विमला डुंकवाल ने प्रशिक्षण की रूपरेखा के बारे में जानकारी दी तथा कहा कि शुष्क क्षेत्रों की सब्जियों एवं फलों के मूल्य संवर्धित उत्पादों की बाजार में मांग दिनों दिन बढ़ रही है। ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएं इसे समझें तथा इनके मूल्य संवर्धित उत्पाद बनाएं। इस दौरान अनुसंधान निदेशक डॉक्टर प्रकाश सिंह शेखावत, प्रसार शिक्षा निदेशालय के उपनिदेशक डॉ.आर के वर्मा भी मौजूद रहे। संचालन डॉक्टर ममता सिंह ने किया।
किसानों के साथ जमीन पर बैठे कुलपति
कार्यक्रम के बाद कुलपति प्रो.आरपी सिंह ने आईटी सेंटर में किसानों से मुलाकात की। कुलपति, किसानों के साथ जमीन पर बैठे और उनसे बातचीत की। कुलपति ने कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा यह गांव गोद लिया ज्ञान है। इस नाते कावनी के सभी लोगए विश्वविद्यालय परिवार के सदस्य हैं। इनके लिए विश्वविद्यालय के द्वार सदैव खुले हैं। किसानों को चाहिए कि हमारे कृषि वैज्ञानिकों से मिलें और मार्गदर्शन करे। उन्होंने विलेज प्रोफाइल की जानकारी भी ली तथा आगामी कार्यक्रमों की संभावनाओं पर चर्चा की।
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