सरकार अब भी बालिकाओं की पढ़ाई जैसे कार्य के लिए किसी भी सामाजिक संगठन की ओर से जमीन आवंटन की मांग पर समुचित कार्रवाई करेगी। आवंटन होने के बाद संगठन को भामाशाहों के सहयोग से जमीन का इस्तेमाल सामाजिक कार्यों के लिए करना चाहिए।
गहलोत ने कहा कि सरकार को जमीन से मोह नहीं होना चाहिए और शिक्षा सहित अन्य सामाजिक कार्यों में उपयोग के लिए विभिन्न सामाजिक संगठनों को जमीन का समुचित आवंटन शीघ्र करना चाहिए। उन्होंने कहा कि संगठनों को भी चाहिए कि बालिका शिक्षा जैसे कामों में बढ़-चढ़कर योगदान करें।
गहलोत ने कहा कि हमें अपनी बहन-बेटियों को घूंघट की प्रथा से छुटकारा दिलाना चाहिए। किसी भी प्रगतिशील समाज में महिलाओं को घूंघट में कैद रखने की प्रथा नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि शिक्षा और सत्ता में भागीदारी से ही महिलाओं के सशक्तीकरण के रास्ते खुलते हैं और देश तथा समाज तरक्की करता है।
गहलोत ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने पंचायतीराज संस्थाओं में महिलाओं के आरक्षण के लिए संविधान संशोधन कर इस दिशा में बड़ा कदम उठाया था। आज हमें बालिकाओं को शिक्षा के अधिकाधिक अवसर देकर और घूंघट से निजात दिलाकर उन्हें खुली हवा में सांस लेने का मौका देना चाहिए। पुरूष प्रधान समाज में इस अभियान के लिए पुरूषों को आगे आना होगा।
इससे पूर्व राजस्थान जाट समाज संस्थान के अध्यक्ष ताराचन्द सीगड़ ने मुख्यमंत्री के समक्ष ग्रामीण परिवेश की बालिकाओं के लिए नया हॉस्टल बनाने के लिए जमीन आवंटित करने की मांग रखी। कार्यक्रम में कृषि मंत्री लालचन्द कटारिया शिक्षा राज्यमंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा विधानसभा के उप मुख्य सचेतक महेन्द्र सिंह चौधरी, पूर्व केन्द्रीय मंत्री महादेव सिंह खंडेला पूर्व विधायक डॉ. चन्द्रभान ने भी शिरकत की।