scriptचार साल से सड़कों और पुलों का काम अटका | Work of roads and bridges stuck for four years | Patrika News

चार साल से सड़कों और पुलों का काम अटका

locationजयपुरPublished: Oct 03, 2019 04:33:25 pm

Submitted by:

Rakhi Hajela

चार साल से अटकी नागौर की विकास रेखा रूपी बाइपास सडक़जोधपुर.बीकानेर बाइपास का काम बीच में बंदवाहन चालकों को हो रही परेशानी अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों का उदासीन रवैया खमियाजा भुगत रहा नागौर 12 किलोमीटर के बाइपास में बनने हैं दो ओवरब्रिज

चार साल से सड़कों और पुलों का काम अटका

चार साल से सड़कों और पुलों का काम अटका

मानव शरीर में जो महत्व रक्त नसिकाओं का है, वही महत्व किसी देश एवं राज्य में सडक़ों का है। सड़कें किसी क्षेत्र के लिए जीवन रेखा के रूप में काम करती हैं, लेकिन दुर्भाग्यवश नागौर शहर एवं आसपास के क्षेत्र में पिछले तीन.चार वर्षों से सडक़ों एवं पुलों का काम अटका पड़ा है। चिकने घड़े बनकर बैठे ठेकेदारों के आगे अधिकारियों के प्रयास बौने साबित हो रहे हैं और चुनाव में मोटी.मोटी बातें करने वाले राजनेता भी ठेकेदारों के निकम्मेपन पर चुप्पी साधे हुए बैठे हैं।
बाइपास आज भी अधूरा
नागौर.जोधपुर राष्ट्रीय राजमार्ग 65 की सडक़ को नागौर.बीकानेर राष्ट्रीय राजमार्ग.89 की सडक़ से जोडऩे के लिए चार साल पहले शुरू किया गया बाइपास आज भी अधूरा पड़ा है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि ठेकेदार कम्पनी जीवीआर ने मात्र 28 से 30 प्रतिशत काम पूरा किया है। आपको बता दें कि सरकार ने राष्ट्रीय राजमार्ग प्रशासन विभाग के माध्यम से नागौर.बीकानेर राष्ट्रीय राजमार्ग. 89 की सड़क का सुदृढ़ीकरण करने के लिए करीब पांच साल पहले प्रोजेक्ट तैयार कर सड़क के साथ विभिन्न स्थानों पर आरओबी एवं फ्लाईओवर बनाने का काम पीपीपी प्रोजेक्ट पर जीवीआर कम्पनी को सौंपा था। इस प्रोजेक्ट की कुल लागत 378.07 करोड़ रुपए तय की गई। इसमें जोधपुर रोड को चुगावास से गोगेलाव तक बीकानेर रोड से मिलाने के लिए 12.07 किमी का बाइपास प्रस्तावित किया गया। इसमें चुगावास, नपावास, गोवा, राजूवास, डूकोसी, इंदास और गोगेलाव गांव कवर होने हैं। इस बाइपास में बासनी रोड और इंदास रोड पर दो पुल भी बनने हैं। इसके साथ नागौर से बीकानेर तक बनने वाले इस प्रोजेक्ट में नागौर के अलावा श्रीबालाजी व नोखा में भी बाइपास बनाने थे। इस परियोजना में चार आरओबी भी प्रस्तावित हैं, जो अलाय, छीला, देशनोक व पलाना में बनने थे, लेकिन ठेकेदार कम्पनी के निकम्मेपन के कारण चार साल बाद भी काम अधूरा है।

बाइपास बनने से होगा नागौर शहर का भार कम
जोधपुर रोड से बीकानेर रोड को मिलाने वाला 12.07 किमी का बाइपास पूरा होने के बाद नागौर शहर का यातायात भार आधा रह जाएगा। भारी वाहनों की आवाजाही लगभग बंद हो जाएगी। लाडनूं रोड से डीडवाना रोड और मूण्डवा रोड होते हुए जोधपुर रोड को मिलाने वाला 19.225 किमी का बाइपास लगभग पूरा बन चुका है और पुलों का काम अंतिम चरण में है। ऐसे में यदि जोधपुर.बीकानेर बाइपास का काम पूरा हो जाए तो भारी वाहनों को शहर में आने की आवश्यकता नहीं रहेगी और शहर के आसपास होने वाली दुर्घटनाओं में कमी आएगी। खासकर कॉलेज रोड का यातायात सुगम हो जाएगा। साथ ही भारी वाहनों के दबाव से बार बार टूटने वाली शहर की सडक़ें भी ज्यादा दिन चलेंगी।
इनका कहना है,
नागौर के राष्ट्रीय राजमार्ग प्रशासन के अधिशासी अभियंता मुकेश शर्मा का कहना है कि वन टाइम सेटलमेंट हो गया केन्द्र सरकार के स्तर पर ठेकेदार के साथ वन टाइम सेटलमेंट हो गया है। अब सरकार के स्तर पर ही नए टेंडर करने की प्रक्रिया अमल में लाई जाएगी।
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