दरअसल, राज्य और केन्द्र सरकार के बीच स्वीकृतियों के कार्य स्थानांतरित होने के कारण यह समस्या आई है। सूत्रों के अनुसार पहले सांसद की सिफारिश के बाद संबंधित कार्यों की प्रशासनिक, तकनीकी और वित्तीय स्वीकृतियां राज्य सरकार के पोर्टल ‘आइडब्ल्यूएमएस’ पर ऑनलाइन जारी होती थी। इस वर्ष से केन्द्र ने इसके लिए अपना अलग पोर्टल बना लिया और राज्यों को इसी के जरिए स्वीकृति जारी करने के निर्देश दिए। लेकिन इस पोर्टल पर कार्यों की ऑनलाइन स्वीकृति जारी करने की सुविधा ही नहीं है। ऐसे में यह कार्य फिर से कलक्टरों को फाइल पर ही करना होगा। इसके बाद स्वीकृतियों की एंट्री केन्द्र के पोर्टल पर की जाएगी।
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राशि के साथ विकास भी अटका
फिलहाल राज्य में अधिकतर सांसदों को इस योजना में राशि नहीं मिल पाई है। महज तीन सांसदों को पहली किस्त के 2.5 करोड़ रुपए मिले हैं। ऐसे में कई सांसदों ने कार्यों की सिफारिश तो कर दी लेकिन वित्तीय स्वीकृति जारी नहीं होने से ये कार्य पूरे नहीं हो पा रहे हैं।
फिलहाल राज्य में अधिकतर सांसदों को इस योजना में राशि नहीं मिल पाई है। महज तीन सांसदों को पहली किस्त के 2.5 करोड़ रुपए मिले हैं। ऐसे में कई सांसदों ने कार्यों की सिफारिश तो कर दी लेकिन वित्तीय स्वीकृति जारी नहीं होने से ये कार्य पूरे नहीं हो पा रहे हैं।