script26 मई से अधीनस्थ अदालतों में शुरु होगा काम | Work will start in subordinate courts from May 26 | Patrika News

26 मई से अधीनस्थ अदालतों में शुरु होगा काम

locationजयपुरPublished: May 22, 2020 09:59:45 pm

Submitted by:

KAMLESH AGARWAL

जयपुर महानगर की अधीनस्थ अदालतों में 26 मई से प्रशासनिक काम शुरु हो जाएगा। इस संबंध में जयपुर मेट्रो के डीजे ने सभी पीठासीन अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिए हैं।

जयपुर।

जयपुर महानगर की अधीनस्थ अदालतों में 26 मई से प्रशासनिक काम शुरु हो जाएगा। इस संबंध में जयपुर मेट्रो के डीजे ने सभी पीठासीन अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिए हैं। आदेश में सभी अदालतों को कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए पूर्व में दिए निर्देशों की पालना सुनिश्चित करते हुए 26 मई से नियमित तौर पर खोलने और कर्मचारियों की उपस्थित सुनिश्चित करने को कहा है। कर्मचारियों की डयूटी रोटेशन से लगाई जाएगी और एक बार में 50 प्रतिशत से ज्यादा कर्मचारी उपस्थित नहीं होगें। वृद्ध और बीमार कर्मचारियों को डयूटी पर नहीं बुलाया जाएगा। कर्मचारियों केा सोश्यिल डिस्टेसिंग के नियम के अनुसार ही बैठाया जाएगा । लंबित मामलो में दोनों पक्षों की लिखित सहमति लेकर वीडियोकॉलिंग से सुनवाई होगी। वहीं हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार प्रशासन ने एक आदेश जारी कर सभी न्यायिक अधिकारियों के 1 जून से 28 जून तक के ग्रीष्मावकाश निरस्त कर दिए हैं।
ई मेल पर मोटरवाहन दुर्घटना में पहला राजीनामा

मोटर दुर्घटना के मामले में ई मेल से प्राप्त राजीनामे को स्वीकार करते हुए मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण ने सवा नौ लाख रुपए का क्लेम मंजूर कर लिया। ईमेल पर प्राप्त राजीनामे को स्वीकार करने से पहले न्यायालय ने दोनों पक्षों के वकील से तस्दीक करने के साथ ही लॉकडाउन के बाद मूल प्रति न्यायालय में सौंपने के निर्देश दिए। प्रदेश की न्यायपालिका में पहला मामला माना जा रहा है जिसमें न्यायालय ने मेल के जरिए प्राप्त राजीनामे को मंजूरी दी है। मुरलीपुरा थाना इलाके में हुई दुर्घटना में रीना कुमावत की मौत हो गई थी। मामले में दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण जयपुर महानगर में दावा किया गया था। बीमा कंपनी और मृतका के परिवार के बीच राजीनामा हो गया लेकिन कोविड—19 की वजह से न्यायालय में पेश नहीं किया जा सका। ऐसे में न्यायालय में राजीनामा ई मेल के जरिए पेश किया गया। ई—मेल से प्राप्त राजीनामे को न्यायालय ने रिकार्ड पर लेते हुए दोनों पक्षों के वकील से मोबाइल कर सवा नौ लाख रुपए का अवार्ड मंजूर कर दिया। न्यायालय ने लॉकडाउन के बाद राजीनामे की मूल प्रति अदालत में रखने के आदेश दिए हैं।
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