scriptलॉक डाउन से वापस आ रहे मजदूर बने सरकार की परेशानी | Workers returning from lockdown became the government's problem | Patrika News

लॉक डाउन से वापस आ रहे मजदूर बने सरकार की परेशानी

locationजयपुरPublished: Mar 27, 2020 12:50:33 pm

Submitted by:

Sharad Sharma

बड़े शहरों से कई अपने घर लौटने को हो गए मजबूररास्ते में फंसे लोगों के लिए सीएम नीतीश खर्च करेंगे 100 करोड़राजस्थान में भी गुजरात के रास्ते आ रहे लोग

लॉक डाउन से वापस आ रहे मजदूर बने सरकार की परेशानी

लॉक डाउन से वापस आ रहे मजदूर बने सरकार की परेशानी

कोरोना वायरस के प्रकोप से बचने के लिए पूरे देश में लॉकडाउन तो कर दिया गया है, लेकिन इस वजह से कई दिहाड़ी मजदूर रास्तों में ही फंस गए हैं। समस्या यह है कि उन्हें रहने, खाने-पीने या यातायात की व्वस्था नहीं मिल पा रही है। वापसी के लिए निकले ये लोग विभिन्न् राज्यों के लिए परेशानी का सबब बन गए हैं। इनकी लंबी कतारे विभिन्न राज्यों की सीमाओं पर देखी जा सकती है। दरअसल लॉकडाउन के बाद बड़े शहरों में ऐसे हालात में वह रह भी नहीं सकते, क्योंकि अब उनके पास कोई काम नहीं है। काम नहीं तो पैसा नहीं और पैसा नहीं तो ना आवास और ना ही खाना। मजबूरन लोग छोटे-छोटे बच्चों और परिवारों के साथ पैदल ही सफर पर निकल चुके हैं। ये लोग जानते हैं कि यात्रा महीनों लंबी हो सकती है इसके बावजूद छोटे-छोटे बच्चों के साथ जान जोखिम में डाल कर कई लोग अपने घरों की ओर निकल पड़े हैं। इसको देखते हुए राजस्थान के अलावा बिहार, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश सहित विभिन्न राज्यों ने इन लोगों पर ध्यान देना शुरू किया है।
राजस्थान सरकार की ओर से राज्य की सीमा पर मुख्य रूप से बांसवाड़ा, डूंगरपुर और उदयपुर में गुजरात और महाराष्ट्र से पैदल आ रहे इन लोगों की स्केनिंग शुरू की है। राजस्थान में बांसवाड़ा और डूंगरपुर से जाने वाले ये लोग गुजरात, महाराष्ट्र में मजदूरी करते हैं। अब काम नहीं होने पर ये लोग वापस अपने घर आ रहे हैं। इन मजदूरों पर आर्थिक संकट और कोरोना फैलाने की संभावनाओं को देखते हुए राजस्थान सरकार ने अब विशेष इंतजाम शुरू किए हैं। सरकार ने इनकी स्केनिंग और आइसोलेशन की व्यवस्था शुरू कर दी है। इस कड़ी में सीमावर्ती क्षेत्र पर हर रोज सैंकड़ों लोगों की स्केनिंग हो रही है। राजस्थान सरकार की ओर से गरीबों के लिए राहत पैकेज की घोषणा पहले ही की जा चुकी है।
इधर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी इस तरह की परेशानियों को देखते हुए मुख्यमंत्री राहत कोष से 100 करोड़ रुपए देने का ऐलान किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वैसे बिहार के लोग जो लॉकडाउन की वजह से दूसरे राज्यों में फंसे हैं उनको लेकर राज्य सरकार ने विशेष योजना तैयार की है। जो भी लोग जहां फंस गए हैं, उनको वहां पर ही रखकर खाने-पीने की व्यवस्था की जाएगी। नीतीश कुमार ने बताया कि दिल्ली स्थित रेजिडेंट कमिश्नर विपिन कुमार को सभी व्यवस्था सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी दी गई है। नीतीश कहा कि लॉकडाउन होने की वजह से कई लोग फंस गए हैं, वो अपने घर वापस आना चाहते हैं। इसके बाद तत्काल कदम उठाते हुए कहा कि बिहार के जो भी लोग बाहर फंसे हैं या रास्ते में है उन्हें वहीं रोक कर उनके खाने-पीने की व्यवस्था की जाएगी। संबंधित राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन के माध्यम से बिहार सरकार यह सुनिश्चित करेगी। दिल्ली स्थित रेजिडेंट कमिश्नर को नोडल ऑफिसर बनाया गया है, इनका सारा खर्च बिहार सरकार उठाएगी। राज्य सरकार के मुताबिक स्वास्थ्य की दृष्टि से उचित यही होगा कि जो जहां हैं उन्हें वहीं रोक दिया जाए। जहां तक राज्य के अंदर रह रहे रिक्शा-ठेला चालकों की बात है और वैसे मजदूर जो फुटपाथ पर दिन गुजार रहे हैं, उन सब के भोजन के लिए आपदा केंद्र बनाए गए हैं। राज्य सरकार ने यहां पर कोरोना संक्रमितों की इलाज की व्यवस्था भी की है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो