धाभाई और पुनीत कर्णावट की चेयरमैनशिप पर भी तलवार
अगर यह प्रस्ताव साधारण सभा में आता है तो कांग्रेस पार्षद भी इसका समर्थन करेंगे। कांग्रेस के कई पार्षद लगातार समितियों के गठन को अवैध बता रहे थे। उधर प्रस्ताव पास किया गया तो पूर्व महापौर शील धाभाई और उप महापौर पुनीत कर्णावट को भी कमेटी अध्यक्षों के पद से हाथ धोना पड़ेगा। यही नहीं चेयरमैनों की गाड़ी और कमरा भी छिन जाएगा।
अगर यह प्रस्ताव साधारण सभा में आता है तो कांग्रेस पार्षद भी इसका समर्थन करेंगे। कांग्रेस के कई पार्षद लगातार समितियों के गठन को अवैध बता रहे थे। उधर प्रस्ताव पास किया गया तो पूर्व महापौर शील धाभाई और उप महापौर पुनीत कर्णावट को भी कमेटी अध्यक्षों के पद से हाथ धोना पड़ेगा। यही नहीं चेयरमैनों की गाड़ी और कमरा भी छिन जाएगा।
किसकी चाल...सब तरफ यही चर्चा
संकल्प पत्र भरवाने के पीछे किसका दिमाग चल रहा है। यह सभी समिति चेयरमैनों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है। हालांकि पार्षदों का कहना है कि समिति चेयरमैन उनकी सुन नहीं रहे हैं, इसलिए नए सिरे से इसके रिव्यू करने की जरूरत है। भाजपा का इस मामले से कोई लेनादेना नहीं है।
संकल्प पत्र भरवाने के पीछे किसका दिमाग चल रहा है। यह सभी समिति चेयरमैनों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है। हालांकि पार्षदों का कहना है कि समिति चेयरमैन उनकी सुन नहीं रहे हैं, इसलिए नए सिरे से इसके रिव्यू करने की जरूरत है। भाजपा का इस मामले से कोई लेनादेना नहीं है।