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एक वर्कआउट ही काफी है

locationजयपुरPublished: Jan 30, 2019 11:53:14 am

Submitted by:

Archana Kumawat

यदि नियमित रूप से एक वर्कआउट भी किया जाए तो मेंटल हेल्थ को इंप्रूव किया जा सकता है

बॉडी इमेज में होगा सुधार
वर्कआउट करने के बाद न केवल आपको पॉजिटिव फीलिंग आएगी, बल्कि आपका कॉन्फिडेंस भी बूस्ट होगा। एक शोध के अनुसार यदि महिलाओं की बॉडी इमेज खराब है तो इसका असर उनकी साइकोलॉजी एवं फिजिकल हेल्थ पर पड़ता है। साथ ही डिप्रेशन भी बढ़ता है।

मानसिक क्रियाशीलता बढ़ेगी
सिंगल एक्सरसाइज करने मात्र से ही ब्रेन पर पॉजिटिव इफेक्ट पड़ता है। वर्कआउट से वर्किंग मेमोरी एवं अटेंशन भी बढ़ता है। वर्कआउट करने से ब्लड में लेक्टेट का लेवल बढ़ता है, यह प्रिफ्रंटल कॉर्टेक्स का स्तर बढ़ाने के साथ ही एनर्जी लेवल भी बढ़ाता है।

मूड इंप्रूव करेगा व्यायाम
आप ट्रेडमील पर वर्कआउट करें या फिर वॉक पर जाएं, लेकिन नियमितता जरूरी है। एक स्टडी के अनुसार सिंगल एक्सरसाइज करने से भी बॉडी में तीन तरह के हार्मोंस सिरोटोनिन, डोपामाइन एवं नॉर-एपिनेफ्रीन का स्तर बढ़ता है। ये तीनों न्यूरोट्रांसमीटर्स मूड को बेहतर बनाने का काम करते हैं। साथ ही डिप्रेशन को कम करते हैं। मानव अध्ययन से यह निष्कर्ष निकाला गया है कि एक्सरसाइज का संबंध अच्छे मूड से भी है।

तनाव होगा कम
ए क्सपट्र्स के अनुसार स्ट्रेस मैनेजमेंट के लिए वर्कआउट को अच्छा माना गया है। एक्सरसाइज से तनाव कम करने वाले हार्मोन कार्टिसोल का स्तर भी कम होता है। साथ ही यह हिप्पोकैम्पस की क्रियाशीलता बढ़ाने का काम भी करता है। दिमाग को शांत रखकर लॉन्ग टर्म मेमोरी इंक्रीज करने में भी वर्कआउट मदद करता है।

बीमारियों से रखेगा दूर
नियमित एक्सरसाइज करने से कई सारी बीमारियों का रिस्क कम किया जा सकता है। यह न्यूरोट्रांसमीटर्स को बूस्ट डिप्रेशन से लडऩे में भी मदद करती है। इस तरह सिंगल वर्कआउट करने से मानसिक बीमारियों की आशंका कम की जा सकती है। इतना ही नहीं, मधुमेह रोगियों के लिए भी एक्सरसाइज करना लाभकारी है।

क्रिएटिविटी
क्रिएटिविटी बढ़ाने के लिए सिंगल एक्सरसाइज करना ही काफी है। इससे आप प्रॉब्लम सॉल्विंग स्किल को भी विकसित कर सकते हैं। हेल्थ एक्सपट्र्स के अनुसार सिंगल एक्सरसाइज हिप्पोकैम्पस के लिए फायदेमंद होती है। इससे कल्पना शक्ति बढ़ती है और आप ज्यादा बेहतर तरीके से अपने कामों को पूरा कर सकते हैं। इससे परफॉर्मेंस में सुधार होगा।

ज्यादा नहीं
किसी भी तरह का वर्कआउट शुरू करने से पहले आपको हेल्थ एक्सपट्र्स से बात कर लेनी चाहिए यानी आपको वहीं वर्कआउट करना है, जो आपकी बॉडी के लिए ठीक हो। साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें कि बहुत देर तक एक्सरसाइज करने से शरीर पर निगेटिव प्रभाव पड़ सकते हैं, जैसे मांसपेशियों में खिंचाव, ऐंठन आदि।

नियमितता
किसी भी एक्सरसाइज को नियमित रखना जरूरी है। रोजाना एक ही एक्सरसाइज करने की आदत से न केवल तनाव कम होगा, बल्कि मानसिक क्षति को भी रोक सकते हैं। इसके अलावा उम्र बढऩे पर भी प्रिफंटल कॉर्टेक्स एवं हिप्पोकैम्पस की क्षति को कम किया जा सकता है। इससे आप भविष्य में डिमेंशिया के लक्षणों को भी कम कर सकते हैं।

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