विश्व अल्जाइमर दिवस (World Alzheimer’s Day) प्रतिवर्ष 21 सितम्बर को मनाया जाता है। यह दिवस अल्जाइमर रोग और डिमेंशिया के बारे में जागरूकता प्रसारित करने के लिए मनाया जाता है। इस दिन का उद्देश्य विश्व भर के लोगों को डिमेंशिया के लक्षणों का पता लगाने के लिए प्रोत्साहित करना ही नहीं है, अपितु इसका उद्देश्य डिमेंशिया से पीड़ित रोगियों अथवा इस बीमारी के कारण मृत्यु को प्राप्त होने वाले रोगियों को भी न भूलना है।
अल्जाइमर बीमारी के लक्षण – डॉ.एस.पी.पाटीदार के अनुसार अल्जाइमर से पीडि़त रोगी अक्सर पुराने दोस्त, पता, यहां तक कि सड़कों और अन्य वस्तुओं के नाम भी भूल जाते हैं। अल्जाइमर रोग की शुरुआत चीजें भूलने और कम स्तर पर याददाश्त में कमी विकसित होने के साथ होती है, जिसके परिणामस्वरूप रोगी को हाल-फिलहाल की घटनाओं को याद रखने में कठिनाई का सामना करना पड़ता हैं। यह रोग दैनिक गतिविधियों तथा यहां तक कि बुनियादी जरूरतों की देखभाल करने में अक्षमता पैदा करता हैं।
याददाश्त मजबूत रखने के उपाय -बादाम और ड्राई फ्रूट खाने से दिमाग तेज होता है और याददाश्त बढ़ती है। -फूलगोभी के सेवन से दिमाग तेज होता है। इससे हड्डियां भी मजबूत होती हैं।
-यदि बढ़ती उम्र में लोग अपना काम खुद करते हैं तो उन्हें अल्जाइमर रोग होने का खतरा कम होता है और स्मरणशक्ति तेज होती है। -हरी पत्तेदार सब्जियां, फलियां, साबुत अनाज, मछली, जैतून का तेल अल्जाइमर रोग से लड़ने में मदद करती हैं।
याददाश्त बढ़ाने के उपाय -रोजाना व्यायाम और योग करके अल्जाइमर के प्रभाव को कम किया जा सकता है। -मेडिटेशन करने से भूलने की समस्या पर काबू पा सकते हैं। -याददाश्त तेज करने के लिए सर्वांगासन करें।
-दिमाग तेज करना हो और याददाश्त बनाए रखनी हो तो भुजंगासन करें। -एकाग्रता बढ़ाने के लिए कपालभाति प्राणायाम करें।