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मोबाइल टावर बने मुसिबत, यूं बढ़ा रहे हैं कैंसर

locationजयपुरPublished: Jun 08, 2020 12:47:05 pm

Submitted by:

Anil Chauchan

World Brain Tumor Day : जयपुर . Mobile Phone आज हर उम्र के व्यक्ति के लिए जीवन का एक बड़ा हिस्सा बन गया है। हर व्यक्ति Mobile के बिना अपने आपको अधूरा सा महसूस करने लगा है। लेकिन लोग इस बात से अज्ञान हैं कि मोबाइल का चलन बढ़ने के साथ ही Mobile Tower की संख्या में भी खासा इजाफा हुआ है।

mobile tower

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World Brain Tumor Day : जयपुर . मोबाइल फोन ( Mobile Phone ) आज हर उम्र के व्यक्ति के लिए जीवन का एक बड़ा हिस्सा बन गया है। हर व्यक्ति मोबाइल ( Mobile ) के बिना अपने आपको अधूरा सा महसूस करने लगा है। लेकिन लोग इस बात से अज्ञान हैं कि मोबाइल का चलन बढ़ने के साथ ही मोबाइल टावरों ( Mobile Tower ) की संख्या में भी खासा इजाफा हुआ है। इनसे निकलने वाली रेडिएशन ( Radiation ) से कैंसर जैसी घातक बीमारी का खतरा बढ़ रहा है। वर्ल्ड ब्रेन ट्यूमर डे ( World Brain Tumor Day ) आज बताते हैं खास रिपोर्ट।
वर्ल्ड ब्रेन ट्यूमर डे आज

मोबाइल फोन के बिना अब हम जिंदगी की कल्पना भी नहीं कर पाते। आदत ऐसी बन गई है। लेकिन यह आदत हमारे स्वास्थ्य के लिए भी हानिकारक है। कई स्टडी में सामने आया कि मोबाइल फोन और मोबाइल टावर से निकलने वाला रेडिएशन सेहत के लिए खतरा भी साबित हो सकता है। रेडिएशन से लंबे समय के बाद प्रजनन क्षमता में कमी, कैंसर, ब्रेन ट्यूमर और मिस-कैरेज की आशंका भी हो सकती है। आज वर्ल्ड ब्रेन ट्यूमर डे है और जिस तरह से ब्रेन ट्यूमर के मामले बढ़ रहे है खासकर बच्चों में वो हमारे लिए चिंता का विषय है।
अक्‍सर हमारे साथ ऐसा होता है कि सिरदर्द, अचानक से चक्‍कर आना या फिर किसी के व्‍यवहार में चिड़चिड़पन आ जाने से हम बहुत सामान्‍य सी बात मानते हैं। कभी लगता कि वर्क प्रेशर या फिर किसी टेंशन से सिरदर्द या व्‍यवहार में तब्‍दीली आई है। तो कभी लगता है कि यूं ही भागमभाग की जिंदगी में चक्‍कर आना तो सामान्‍य है। लेकिन आपने सोचा है कभी ये कितना खतरनाक हो सकता है। जी हां ये सामान्‍य से दिखने वाले बदलाव कई बार गंभीर बीमारियों की पहली स्‍टेज होते हैं और इन सामान्‍य सी बातों का ब्रेन ट्यूमर से भी गहरा संबंध है।
जयपुर के न्यूरो ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ नितिन द्विवेदी का कहना है कि मानव शरीर के विभिन्न अंगों में होने वाले कैंसर में से 40 फीसदी कैंसर ब्रेन तक अपनी पहुंच बना लेते हैं। बच्चों में ब्लड कैंसर के बाद सर्वाधिक होने वाला कैंसर ब्रेन ट्यूमर देश में तेजी से बढ़ता जा रहा है। देश के नेशनल हैल्थ प्रोग्राम की ओर से जारी एक रिपोर्ट के अनुसार बड़ों के मुकाबले बच्चों में यह बीमारी ज्यादा तेजी से बढ़ रही है। इस बीमारी के लक्षणों को अनदेखा करना हजारों बच्चों के अकाल मौत का कारण बन रहा है। वयस्कों में होने वाले कैंसर में इसका प्रतिशत 2 से 3 फीसदी है वहीं बच्चों में यह आंकड़ा 26 फीसदी है।
युवाओं में बढती परेशानी
50 वर्ष से ज्यादा की उम्र के सामने आने वाला ब्रेन ट्यूमर अब युवा अवस्था में भी मे तेजी से सामने आ रहा है। 30 से 40 की उम्र में भी हजारों रोगी इसका उपचार ले रहे है। छोटी उम्र में तेजी से बढ़ते मामलों को लेकर मेडिकल साइंस में कई रिसर्च हुई हैं, लेकिन अभी तक इसके कारणों का पता नही लग पाया है। कई शोध में पाया गया है कि मोबाइल का अधिक उपयोग और रेडिएशन एक्सपोजर के कारण मस्तिष्क पर कई नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। जिससे व्यक्ति के व्यवहार में कई तरह के परिवर्तन सामने आते है।
डब्ल्यूएचओ ने भी माना, मोबाइल टावर खतरनाक
कई स्टडी में सामने आया कि मोबाइल रेडिएशन से लंबे समय के बाद प्रजनन क्षमता में कमी, कैंसर, ब्रेन ट्यूमर और मिस-कैरेज की आशंका भी हो सकती है। दरअसल, हमारे शरीर में 70 फीसदी पानी है। दिमाग में भी 90 फीसदी तक पानी होता है। यह पानी धीरे-धीरे बॉडी रेडिएशन को अब्जॉर्ब करता है और आगे जाकर सेहत के लिए काफी नुकसानदेह होता है। डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के मुताबिक मोबाइल से कैंसर तक होने की आशंका हो सकती है। इंटरफोन स्टडी में कहा गया कि हर दिन आधे घंटे या उससे ज्यादा मोबाइल का इस्तेमाल करने पर 8-10 साल में ब्रेन ट्यूमर की आशंका 200-400 फीसदी बढ़ जाती है।
80 फीसदी रोगी समय पर नहीं लेते उपचार
ब्रेन ट्यूमर के लक्षणों की अनदेखी और समय पर पहचान ना होने के कारण 80 फीसदी से ज्यादा रोगी ट्यूमर के पूरी तरह से बढ़ जाने के बाद न्यूरो एक्सपर्ट के पास आते हैं। एडवांस स्टेज में ट्यूमर की पहचान होने पर उसे तुरंत प्रभाव से ऑपरेशन के जरिए उपचार दिया जाता है। कुछ केसेज में रोगी ट्यूमर की पहचान होने के बाद भी बाबा और झाड़-फूंक के चक्कर में फंसकर उपचार मे देरी करते हैं। डॉ.भवानी शंकर शर्मा ने बताया एक समय ब्रेन ट्यूमर होने पर व्यक्ति का बच पाना असम्भव माना जाता था लेकिन अब बडी संख्या में रोगियों की जान बचाई जा रही है। ब्रेन ट्यूमर को दुनिया में मौत का एक बड़ा कारण माना जाता है। अंत में यहीं कहना चाहते है कि अगर किसी को ऐसे लक्षण दिखे तो डॉक्टर से जरूर संपर्क करें वहीं अपने बच्चों को मोबाइल से दूर रखें।
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