जयपुर

इस देश के कारण होती है हमारी हंसी की परीक्षा

हर साल ‘वर्ल्ड हैप्पीनेस डे’ सर्वे किया जाता है। इसका उद्देश्य किसी देश में रहने वाले लोगों के जीवन की गुणवत्ता, खुश रहने के कारण और देश के विकास पर पडऩे वाले उसके प्रभाव को जानना है। इस competition को शुरू करने का श्रेय भारत के पड़ोसी देश भूटान को जाता है। वर्ष 2011 में भूटान के तत्कालीन प्रधानमंत्री जिग्मे थिनले ने संयुक्त राष्ट्र में ‘विश्व खुशहाल दिवस’ मनाने का प्रस्ताव रखा। इस प्रस्ताव ने विभिन्न देशों में लोगों की खुशी को मापने के पैमाने के रूप में अंतर्राष्ट्रीय संगठनों का ध्यान आकर्षित किया।

जयपुरJul 06, 2019 / 08:30 pm

Mohmad Imran

हर साल ‘world happiness day’ सर्वे किया जाता है। इसका उद्देश्य किसी देश में रहने वाले लोगों के जीवन की गुणवत्ता, खुश रहने के कारण और देश के विकास पर पडऩे वाले उसके प्रभाव को जानना है। इस competition को शुरू करने का श्रेय भारत के पड़ोसी देश भूटान को जाता है।
वर्ष 2011 में भूटान के तत्कालीन प्रधानमंत्री जिग्मे थिनले ने संयुक्त राष्ट्र में ‘विश्व खुशहाल दिवस’ मनाने का प्रस्ताव रखा। इस प्रस्ताव ने विभिन्न देशों में लोगों की खुशी को मापने के पैमाने के रूप में अंतर्राष्ट्रीय संगठनों का ध्यान आकर्षित किया।
2012 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 20 मार्च को ‘वर्ल्ड हैप्पीनेस डे’ के रूप में घोषित किया। इसका उद्देश्य दुनिया भर के मनुष्यों के जीवन में सार्वभौमिक लक्ष्यों और आकांक्षाओं के रूप में खुशी और कल्याण की प्रासंगिकता और सार्वजनिक नीति के उद्देश्यों में उनकी मान्यता के महत्व को मान्यता देना है। दुनिया के सबसे खुश देशों की रैंकिंग के लिए 156 देशों में सर्वे किया जाता है। आंकड़ों के विश्लेषण के आधार पर देशों को स्थान दिया जाता है।
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