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कोविड-19 महामारी के दौर में मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देना जरूरी

locationजयपुरPublished: Oct 09, 2020 11:41:20 am

Submitted by:

santosh

कोविड-19 महामारी फैलने के बाद मनोवैज्ञानिक और मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े पहलुओं का समाज के सभी क्षेत्रों पर व्यापक रूप से असर दिखाई दिया है।

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जयपुर। कोविड-19 महामारी फैलने के बाद मनोवैज्ञानिक और मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े पहलुओं का समाज के सभी क्षेत्रों पर व्यापक रूप से असर दिखाई दिया है। लोगों में डर, चिंता, अनिश्चितता, असुरक्षा की भावना, हताशा और यहां तक कि कई मामलों में तो अवसाद जैसे गंभीर बीमारी के लक्षण भी दिखाई दे रहे हैं। ऐसे में इस समय यह अत्यधिक प्रासंगिक हो जाता है कि मानसिक रोगों से ग्रसित व्यक्तियों के मानसिक स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान दिया जाए, खास रूप से उन मरीजों के बारे में जो किसी गंभीर मानसिक बीमारी से ग्रस्त हैं।

ताजा आंकड़ों के मुताबिक भारत में तकरीबन 19 करोड़ 73 लाख लोग किसी ना किसी प्रकार की मानसिक बीमारी से ग्रसित हैं, यह आंकड़ा देश की कुल जनसंख्या का लगभग 14.3 प्रतिशत हैं। आंकड़े ये भी बताते हैं कि प्रत्येक बीस में से एक व्यक्ति अपने जीवन काल के दौरान अवसाद का शिकार होता है और दुनिया भर में में हर चालीस सेकंड में एक आत्महत्या की घटना होती है।

हाल ही के अध्ययनों से पता चला है कि गंभीर मानसिक बीमारी से ग्रस्त लगभग तीन चौथाई मरीजों को कोविड-19 संक्रमण के लक्षणों और इससे बचाव के एहतियाती उपायों के बारे में पर्याप्त जानकारी नहीं थी। ऐसे में उपचार उपलब्ध नहीं होने की स्थिति में इन रोगियों में बीमारी के लक्षण फिर से लौट आने का खतरा अधिक होता है और उनकी अज्ञानता से पैदा हुई असावधानी की वजह से संक्रमण होने की संभावना भी कहीं ज्यादा होती है।

इस समय देश के स्वास्थ्य सिस्टम में मौजूद अधिकांश संसाधनों को आवश्यकता अनुसार कोविड 19 महामारी पर विजय प्राप्त करने में उतार दिया गया है। लिहाजा इन मरीजों की स्वास्थ्य देखभाल संबंधित आवश्यकताओं की अनदेखी होना संभव है। नतीजतन इन मरीजों के रिलैप्स होने का खतरा बढ़ जाता है या इनके लक्षणों में तीव्रता आ सकती है ।

इन समस्याओं से पार पाने के लिए प्रभावी रणनीति बनाई जानी चाहिए। इस रणनीति के तहत जिला मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के माध्यम से सामुदायिक सेवाओं के अधिक प्रभावी उपयोग के साथ ही परामर्श के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग और टेलीमेडिसिन का इस्तेमाल करने पर जोर देना चाहिए। इसके साथ ही ऐसे मरीज, जिन्हें ज्यादा देखभाल की आवश्यकता है। उनके लिए आपातकालीन सेवाओं की उपलब्धता को सुनिश्चित किया जाना चाहिए।

इसके साथ ही मरीज की देखभाल करने वाले परिजनों को भी सलाह दी जाती है कि वे सुनिश्चित करें कि-
– चिकित्सकीय सलाह के अनुसार उपचार जारी रहे और मरीज के लिए वे हमेशा उपलब्ध रहें।
– नजर रखें कि बीमारी के लक्षण लौट तो नहीं रहे या मरीज की स्थिति बिगड़ तो नहीं रही।
– रोगी के साथ लगातार, पर्याप्त और सकारात्मक बातचीत करते रहें।
– कोविड संक्रमण से बचाव के एहतियाती उपाय अपनाने के लिए प्रोत्साहित करें।
– व्यक्ति को नियमित नींद, व्यायाम और आहार लेना जारी रखने के लिए प्रेरित करें।
– शराब या नशे के अन्य पदार्थों से दूर रखें और इलाज करने वाले चिकित्सक के संपर्क में रहें।

डॉ. अखिलेश जैन, विभागाध्यक्ष, मनोरोग, ईएसआई मॉडल अस्पताल, जयपुर

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