विश्व तंबाकू निषेध दिवस आज तंबाकू खाने वालों को कोरोना संक्रमण का खतरा ज्यादा
विश्वभर में 80 लाख और देशभर में 13 लाख लोगों की तंबाकू से अकाल मौत
प्रदेश में हर साल 77 हजार मौतें तंबाकू सें
कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ अजय यादव ने बताया कि तंबाकू के उपयोग से व्यक्ति का श्वसन तंत्र और फेफडें कमजोर पड़ जाते हैं और कोरोना वायरस का पहला अटैक मानव शरीर में इन्हीं अंगों पर होता है। तंबाकू का उपयोग फेफड़े, मुंह व गले, आहार नलिका, यकृत, पेट, पैनक्रियाज, आंतों और गर्भाशय ग्रीवा सहित कई प्रकार के कैंसर का कारण बनता है। तंबाकू उत्पादों में कई रसायन होते हैं जो डीएनए को नुकसान पहुंचाते हैं, जिससे कैंसर होता है। करीब 40 फीसदी कैंसर और करीब 30 फीसदी दिल के दौरे तंबाकू की वजह से होते हैं। जो लोग धुएं रहित तंबाकू (चबाने वाले तंबाकू, गुटका) का उपयोग करते हैं उनमें मुंह के कैंसर (जीभ, गाल, जबड़े की हड्डी) का खतरा सबसे अधिक होता है।
रेडिएशन ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ दिनेश सिंह ने बताया कि इससे होने वाले कैंसर के लक्षणों में मुंह का कम खुलना, बार-बार छालें होना, आवाज में बदलाव, लगातार खांसी और वजन का कम होना शामिल है। अधिकांश लोग 11-16 साल की आयु के बीच तंबाकू की आदतें शुरू करते हैं। पेसिव स्मोकिंग से भी हमारे शरीर में कैंसर रोग की संभावना बढ़ जाती है। यदि परिवार में एक व्यक्ति धुम्रपान करता है तो उसका धुआं अन्य परिवारजनों को भी नुकसान पहुचाता है।
देशभर में हर रोज 3500 लोग अकाल मौत के शिकार
कैंसर रोग विशेषज्ञ नरेश लेडवानी ने बताया कि कैंसर का प्रमुख कारण माने जाने वाले तंबाकू से हर रोज देश में 3500 लोगों की मृत्यु हो रही है। वहीं विश्वभर में हर साल तंबाकू की वजह से 80 लाख लोगों की जान जाती है। भारत में हर वर्ष 13 लाख और राजस्थान में 77 हजार लोग तंबाकू के कारण अकाल मौत का शिकार हो रहे है। डब्ल्यूएचओ की ओर से हाल ही में जारी एक रिपोर्ट के अनुसार तंबाकू उपयोग करने वाला हर दूसरा व्यक्ति अकाल मौत का शिकार होता है। यह मौत तंबाकू में मौजूद होने वाले 4 हजार से ज्यादा कैमिकल्स के शरीर के विभिन्न अंगों पर डालने वाले नकारात्मक प्रभावों की वजह से होती है।