ग्लोकोमा से जा सकती है आंखों की दृष्टि
ग्लोकोमा (आम भाषा में ग्लूकोमा) दुनियाभर में दृष्टिविहीनता का दूसरा प्रमुख कारण है। इस समस्या में आंखों पर दबाव बढऩे लगता है, जिस वजह से आंखों की रोशनी जा सकती है। इसी तरह ‘ऐज रिलेटेड मैक्यूलर डिजनरेशन’ (एआरएमडी) भी आंखों को नुकसान पहुंचाता है। यह दो तरह का होता है। इससे आंखों की रोशनी प्रभावित होती है।
आंखों के लिए 20-20-20 नियम का करें पालन
1- डायबिटीज के मरीजों को एक-दो साल से आंखों की नियमित जांच करवानी चाहिए।
2- यदि परिवार में किसी को ग्लोकोमा रहा है तो अन्य सदस्य सतर्क रहें। 40 वर्ष बाद से दो-तीन साल में एक बार आंखों की जांच अवश्य करवाएं। समय पर सर्जरी और दवा से दृष्टिहीनता से रोका जा सकता है।
3- मोतियाबिंद से रोजमर्रा के काम करने में परेशानी होने लगे तो तुरंत इलाज करवाएं।
4- इन दिनों स्क्रीन टाइम बढऩे से बच्चों में भी ड्राई आइज की समस्या होने लगी है। ऐसे में स्क्रीन से 20 मिनट बाद 20 सेकंड के लिए नजर हटाकर 20 फुट दूर देखें।
5- खानपान में पीले रंग के फल और हरी पत्तेदार सब्जियों का प्रयोग अधिक करें।
नेत्र रोग विशेषज्ञ, एसएमएस मेडिकल कॉलेज, जयपुर