जीवों को बचाएगा ‘वर्ल्ड वाइल्ड’ प्रोजेक्ट
जयपुरPublished: Mar 16, 2020 02:52:32 pm
बैंकॉक के आर्किटेक्ट बिल बेंसले का कहना है कि अब जानवरों को नहीं, इंसानों को जू में बंद होने की जरूरत है।
जीवों को बचाएगा वर्ल्ड वाइल्ड प्रोजेक्ट
जानवरों के चिड़ियाघर के बारे में तो आपने कई बार सुना होगा लेकिन आपको यह जानकर हैरानी होगी कि एक शख्स ने ह्यूमन जू बनाने का विचार किया है। जी हां, इसके पीछे उनका खयाल यह है कि मनुष्य खासतौर से एशियाई क्षेत्र में दशकों से अपने स्वार्थ के लिए पेड़ों को काट रहा है ताकि उनसे और पेड़ों के स्थान पर लग्जरी रिजॉर्ट बना सके। साथ ही वह खूबसूरत वन्य जीवों को पिंजरों में कैद कर रहा है ताकि लोगों को आकर्षित करके पैसे कमाए जा सकें। वहीं बैंकॉक के आर्किटेक्ट बिल बेंसले का कहना है कि अब जानवरों को नहीं, इंसानों को जू में बंद होने की जरूरत है। असल में चीन में रहने वाला एक क्लाइंट बेंसले के पास आया और उसने चीन के दक्षिणी प्रांत गुआनडोंग के वुहान में एक ऐसा रिसॉर्ट बनाने की बात कही, जिसमें कि एक चिड़ियाघर भी शामिल हो। बेंसले को अपने अप्रासंगिक डिजाइनों के लिए जान जाता है। बेेंसले जो कि ताउम्र पर्यावरण संरक्षक के तौर पर जाने जाते हैं। उन्हें इस बात का अच्छी तरह से अंदाजा है कि वर्तमान में मनुुष्य पर्यावरण को कितना ज्यादा नुकसान पहुंचा रहा है इसलिए अपनी क्रिएटिविटी के दौरान वे इकोसिस्टम को बनाए रखने पर पूरा फोकस करते हैं। ‘वर्ल्ड वाइल्ड’ नाम के जिस प्रोजेक्ट पर 61 वर्षीय बेेंसले काम कर रहे हैं, उसके वर्ष 2023 में पूरा होने की उम्मीद है। बेंसले के अनुसार इसमें जो ह्यूमन केज होंगे, वे असल में 2400 होटल के कमरे होंगे। हर कमरे के निर्माण की लागत बिलियन डॉलर होगी। यकीन मानिए कि गेस्ट इन्हें झोंपड़ी नहीं कहेंगे। बेंसले के अनुसार यह एक राजनीतिक विषय है और काम आसान नहीं। लगातार निवासों को हो रहे नुकसान की वजह से चीन के पक्षी ऑस्ट्रेलिया की ओर पलायन कर रहे हैं। ऐसे में बेंसले इस प्रकार का वेटलैंड तैयार कर रहे हैं, जो कि इन पक्षियों के लिए मददगार होगा। जूलॉजिस्ट जेम्स मॉरिसन और बेंसले की वल्र्ड वाइल्ड प्रजातियों की सूची उन जानवरों पर आधारित है, जो सबसे अच्छा संरक्षण मूल्य प्रदान करते हैं और जिनकी सबसे अधिक आवश्यकता है। इस सूची में पैंगोलिन भी शामिल है, जो कि चीन में अवैध व्यापार की वजह से नष्ट होते जा रहे हैं। अपनी स्केल के लिए मारा जाने वाला यह जीव चीन और वियतनाम में खाया जाता है और पारंपरिक दवाओं में इस्तेमाल किया जाता है। यह दुनिया में सबसे अधिक तस्करी वाले जानवरों में से एक है। इस चिडिय़ाघर में जानवर के आने पर उनकी बीमारियों की स्क्रीनिंग की जाएगी और कई जीव जिन्हें संरक्षण की आवश्यकता है उनका रिहेबिलेशन सेंटर बनाया जाएगा।