जयपुर

15 साल बाद भी जख्म हरे, दर्द इतना की आज भी महसूस होती है टीस

जब अदालत ने जयपुर दहलाने वाले आतंकियों को फांसी की सजा सुनाई थी तब दिल में थोड़ी राहत मिली थी कि चलो कुछ तो उनके साथ न्याय हुआ। लेकिन बुधवार को आए फैसले में चार आरोपियों को रिहा करने के लिए कहा गया तो न्याय की आस लगा रहे मृतकों के परिजनों के आंसू छलक आए।

जयपुरMar 30, 2023 / 03:39 pm

Lalit Tiwari

जब अदालत ने जयपुर दहलाने वाले आतंकियों को फांसी की सजा सुनाई थी तब दिल में थोड़ी राहत मिली थी कि चलो कुछ तो उनके साथ न्याय हुआ। लेकिन बुधवार को आए फैसले में चार आरोपियों को रिहा करने के लिए कहा गया तो न्याय की आस लगा रहे मृतकों के परिजनों के आंसू छलक आए। कोर्ट ने इस मामले में भले ही पुलिसकर्मियों को दोषी करार दिया हो कि उन्होंने जांच सही नहीं की, लेकिन गलती किसी की भी हो, लेकिन वह लोग न्याय से दूर हो गए। कई लोगों ने सुप्रीम कोर्ट की तरफ आस लगाई है तो कई पीड़ित ऐसे भी थे जिन्होंने अब भगवान के दर पर ही अपने न्याय की गुहार लगाई है। 15 साल पहले छोटी काशी कही जाने वाली गुलाबी नगरी को आतंकियों ने एक के बाद एक सीरियल बम धमाकों से लहुलुहान कर दिया था। जगह जगह हुए विस्फोट के निशान आज भी बाकी है। जिन 71 लोगों की मौत हुई है उनके परिवार आज भी उस दर्द से उठे टीस को महसूस कर रहे है।
पतासी का ठेला लगाने वाले विनोद ने गंवाया था पैर
जिस समय बम धमाके हुए उस दौरान विनोद अपनी पतासी के ठेले पर बैठा था। इसी दौरान बम धमाकों ने उसे भी अपनी चपेट में लिया। जौहरी बाजार में पतासी का ठेला लगाने वाले विनोद ने विस्फोट में अपना एक पैर गंवा दिया था। जब उसे आरोपियों के रिहा होने की जानकारी मिली तो वह भगवान के दर पर पहुंचा और अपने साथ होने वाले अन्याय के खिलाफ प्रार्थना करते हुए प्रभु से न्याय की गुहार लगाई। विनोद का कहना है कि उन्हें जब तक सजा नहीं मिलती तब तक वह भगवान से प्रार्थना करते रहेंगे। चांदपोल हनुमान मंदिर के बाहर बम ब्लास्ट में अपने पिता को खो चुके बाबूलाल का कहना था कि जिस तरह से आतंकियों ने जयपुर को दहलाया था वह कभी नहीं भूल सकते।
इनको सुनाई थी फांसी की सजा
जयपुर बम ब्लास्ट मामलों के विशेष न्यायालय ने 20 दिसंबर 2019 को हत्या और राजद्रोह के साथ विस्फोटक अधिनियम के अंतर्गत दोषी मानते हुए मोहम्मद सैफ, सैफुर्रहमान, सरवर आजमी और मोहम्मद सलमान को फांसी की सजा सुनाई थी। न्यायाधीश पंकज भंडारी और न्यायाधीश समीर जैन की बैच ने बुधवार को फांसी की सजा के निर्णय के खिलाफ चारों अपीलार्थियों की 15 अपीले मंजूर कर ली थी। कोर्ट ने चारों अपीलार्थियों के डेथ रेफरेंस की पुष्टि भी नहीं की। कोर्ट ने शाहबाज को बरी करने के खिलाफ राज्य सरकार की आठ अपीलों को खारिज कर दिया।
71 लोगों की गई थी जान और 185 लोग हुए थे घायल
13 मई 2008 को जयपुर में हुए विस्फोट में 71 लोगों की जान चली गई और 185 लोग घायल हो गए थे। कोर्ट ने मोहम्मद सैफ, सैफुर्रहमान, सरवर आजमी और मोहम्मद सलमान को हत्या, राजद्रोह और विस्फोटक अधिनियम के तहत दोषी पाया था। मामले में कुल 13 लोगों को पुलिस ने आरोपी बनाया था।

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