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उसने 27 साल गुजार दिए जेल में बिना किसी जुर्म के

locationजयपुरPublished: May 18, 2018 03:14:11 pm

Submitted by:

Shalini Agarwal

41 साल का जॉन बन उस समय जेल से छूटा, जब 27 साल बाद यह साबित हुआ कि वह बेगुनाह है

wrongly convicted

उसने 27 साल गुजार दिए जेल में बिना किसी जुर्म के

‘हमसे का भूल हुई, जो यह सजा हमका मिली,’ बालीवुड का यह प्रसिद्ध गाना अमरीका के एक शख्स पर पूरी तरह से खरा उतरता है। जॉन बन नाम के इस शख्स ने पूरे एक या दो नहीं, बल्कि 27 जेल में गुजार दिए, वो भी बिना किसी जुर्म के। पूरे 41 साल के हो चुके जॉन को 14 साल की उम्र में ब्रुकलिन में 1991 में एक अफसर की हत्या के आरोप में जेल में डाल दिया गया था। बन और एक अन्य किशोर रोजिएन हारग्रेव को अफसर रोलांडो नेइश्चर और उनके साथी रॉबर्ट क्रोसन को उनकी कार से जबरन बाहर खींच कर गोली मारने और फिर कार चुराने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। इस घटना में रोलांडो की मौत हो गई थी और क्रोसन बच गया। लिहाजा क्रोसन ही इस घटना का एकमात्र चश्मदीद गवाह था। यूं तो बन को निर्दोष 2016 में उस वक्त ही मान लिया गया था, जब यह पता चला था कि मामले के मुख्य जांचकर्ता न्यूयॉर्क पुलिस डिपार्टमेंट के लुइस स्कारसेला को जांचों को झूठ और गलत दिशाने में ले जाने का दोषी करार दिया गया था। लुइस ने झूठे साक्ष्य पेश करके बन और उसके साथी को अदालत में दोषी साबित कर दिया था। हाल में जब बन को रिहा किया गया तो उसकी आंखों में आंसू थे। उसने रुंधे गले से कहा कि वह केस के जज को धन्यवाद देना चाहता है क्योंकि वह 27 साल से अपनी जिंदगी के लिए लड़ रहा है। इस अवसर पर ब्रुकलीन सुप्रीट कोर्ट की जज श्वान्दया सिंपसन ने कहा कि वह इस मौके पर काफी भावुक हैं। बन ने बगैर जुर्म के इतनी लंबी सजा काटी, ऐसा कभी नहीं होना चाहिए। वहीं बेन के वकीलों का कहना है कि इस मामले में शुरू से संदेह था। घटनास्थल से मिले फिंगरप्रिंट्स इन दोनों में से ही किसी के नहीं थे। क्रोसन के मुताबिक, घटना को अंजाम देने वाले उम्र 20 के आस-पास थी और वह गोरा शख्स था। बन और उनके दोनों ही अश्वेत थे। इसलिए इन्हें गिरफ्तार किया जाना ही नहीं था।
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