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शनि—सूर्य से सत्ता छीनकर बुध और चंद्रमा संभालेंगे नवसंवत्सर से कमान

locationजयपुरPublished: Mar 16, 2020 06:48:46 pm

Submitted by:

Harshit Jain

—आकाशीय सत्ता के मंत्रिमंडल में 25 मार्च से होगा फेरबदल

शनि—सूर्य से सत्ता छीनकर बुध और चंद्रमा संभालेंगे नवसंवत्सर से कमान

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जयपुर.
शहरी सरकार के चुनाव में फिलहाल कुछ दिन शेष हैं लेकिन आकाशीय सत्ता के मंत्रिमंडल में 25 मार्च को नववर्ष संवत्सर विक्रम संवत—2077 से फेरबदल होगा। इस बार न्याय के देवता शनि से सत्ता छीनकर मंत्रिमंडल की कमान बुध और चंद्रमा ग्रह संभालेंगे। समय का वास वैश्य के घर होगा। वहीं वर्ष के स्तंभ दो श्रेेष्ठ और दो साधारण रहेंगे। नए संवत्सर का नाम प्रमादी होगा। इस तरह पूरे वर्ष पर बुध-देव का अधिपत्य रहेगा। बुध को नवग्रहों में राजकुमार का दर्जा है, इसलिए युवाओं को इस वर्ष रोजगार के अवसर मिलना शुरू होंगे। उत्तराभाद्र नक्षत्र में नया साल शुरू होने से पूरे वर्ष बुधवार के दिन कई अहम फैसले होंगे। इसका संबंध पर्यावरण से है, जिससे इस क्षेत्र में सुधार लाने के प्रयासों में तेजी आएगी। पहले दिन मीन का चंद्रमा होने से कृषक परिवारों में धन-धान्य की आवक में बढ़ोतरी होगी। वहीं आने वाला समय व्यापारिक क्षेत्र में आगे बढ़ने के साथ देश के मान सम्मान में एक नया आयाम स्थापित करने वाला होगा।
कैसा रहेगा नववर्ष


ज्योतिषाचार्य पं.दामोदर प्रसाद शर्मा ने बताया कि नवसंवत्सर—2077 चैत्र कृष्ण अमावस्या 24 मार्च को दोपहर 2.58 बजे कर्क लग्न में शुरू होगा। लेकिन चांद्र नवसवंत्सर की शुरुआत 25 मार्च को नवरात्र स्थापना के साथ होगी। संवत के राजा बुध और मंत्री चंद्रमा होंगे। वर्ष प्रवेश लग्न का स्वामी चंद्रमा बना है जो संयोग से इस वर्ष मंत्री भी होंगे। जिससे सुख समृद्धि के साथ समयानकुल श्रेष्ठ बारिश के योग बनेंगे। बड़े नगरों की विकास की योजनाएं बनेगी। इसके साथ ही कृषि के क्षेत्र में नवीन अनुसंधान होंगे। औद्यागिक विकास की दर में इजाफा होगा। लग्न पर उच्चस्थ मंगल और स्वराशि के शनि की दृष्टि पड़ने से देश की सीमा सुरक्षा पर विशेष ध्यान की आवश्यकता महसूस होगी। पं.पुरुषोत्तम गौड़ ने बताया कि नवसंवत्सर में अधिमास होने की वजह से 12 माह की बजाय 13 चंद्रमाह होंगे। प्रमादी संवत के प्रभाव से कृषि और व्यापारिक क्षेत्र में अच्छा विकास होगा।

यह रहेगा मंत्रिमंडल


राजा प्रधानमंत्री और वित्तमंत्री —बुध
गृहमंत्री —चंद्रमा
कृषिमंत्री—गुरू
खाद्यमंत्री— मंगल
जलदाय मंत्री—सूर्य
डेयरी और गोपालन मंत्री—शनि
खनिज और परिवहन मंत्री (नीरसेश)—गुरू
वन और पर्यावरण मंत्री (फलेश) सूर्य
रक्षामंत्री (दुर्गेश) — सूर्य

178 साल पहले बना था ऐसा ही दुर्लभ संयोग
पं. शर्मा के मुताबिक 11 अप्रैल 1842 से चैत्र माह की नवरात्रि शुरुआत हुई थी। इस नवरात्रि में 16 अप्रैल को गुरु ग्रह ने धनु से मकर राशि में प्रवेश किया था। इस साल 2020 में भी ऐसा ही संयोग बन रहा है। 25 मार्च से नवरात्रि शुरू होगी और 30 मार्च को गुरु राशि बदलकर मकर राशि में जाएगा। मकर राशि में मंगल, गुरु और शनि का योग बनेगा।
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