ज्योतिषाचार्य पं.दामोदर प्रसाद शर्मा ने बताया कि नवसंवत्सर—2077 चैत्र कृष्ण अमावस्या 24 मार्च को दोपहर 2.58 बजे कर्क लग्न में शुरू होगा। लेकिन चांद्र नवसवंत्सर की शुरुआत 25 मार्च को नवरात्र स्थापना के साथ होगी। संवत के राजा बुध और मंत्री चंद्रमा होंगे। वर्ष प्रवेश लग्न का स्वामी चंद्रमा बना है जो संयोग से इस वर्ष मंत्री भी होंगे। जिससे सुख समृद्धि के साथ समयानकुल श्रेष्ठ बारिश के योग बनेंगे। बड़े नगरों की विकास की योजनाएं बनेगी। इसके साथ ही कृषि के क्षेत्र में नवीन अनुसंधान होंगे। औद्यागिक विकास की दर में इजाफा होगा। लग्न पर उच्चस्थ मंगल और स्वराशि के शनि की दृष्टि पड़ने से देश की सीमा सुरक्षा पर विशेष ध्यान की आवश्यकता महसूस होगी। पं.पुरुषोत्तम गौड़ ने बताया कि नवसंवत्सर में अधिमास होने की वजह से 12 माह की बजाय 13 चंद्रमाह होंगे। प्रमादी संवत के प्रभाव से कृषि और व्यापारिक क्षेत्र में अच्छा विकास होगा।
यह रहेगा मंत्रिमंडल
राजा प्रधानमंत्री और वित्तमंत्री —बुध
गृहमंत्री —चंद्रमा
कृषिमंत्री—गुरू
खाद्यमंत्री— मंगल
जलदाय मंत्री—सूर्य
डेयरी और गोपालन मंत्री—शनि
खनिज और परिवहन मंत्री (नीरसेश)—गुरू
वन और पर्यावरण मंत्री (फलेश) सूर्य
रक्षामंत्री (दुर्गेश) — सूर्य 178 साल पहले बना था ऐसा ही दुर्लभ संयोग