क्वालकॉम के साथ चिपसेट को लेकर हुई डील पर इसरो ऑफिशल ने कहा, ‘हम इस महीने के अंत तक चिपसेट रिलीज करने की उम्मीद कर रहे हैं।’ बता दें,
NavIC नेविगेशन सिस्टम केवल भारत पर फोकस करता है और इसरो का कहना है कि GPS के मुकाबले यह ज्यादा सटीक जानकारी देगा। इसकी
मदद से 5 मीटर तक की पोजीशन एक्युरेसी मिल सकेगी। GPS जहां केवल L बैंड पर काम करता है, NavIC ड्यूल फ्रीक्वेंसी पावर्ड है। यह S
और L दोनों बैंड की मदद से काम करता है और इसलिए ज्यादा सटीक जानकारी दे सकता है।
NavIC के लिए कुल 8 इंडियन रीजनल नेविगेशन सैटलाइट्स (IRNS) काम कर रहे हैं और लगातार लोकेशन से जुड़ा डेटा जुटा रहे हैं। GPS
की तरह ही NavIC नेविगेशन सिस्टम भी ड्राइवर्स को विजुअल टर्न-बाइ-टर्न वॉइस इंस्ट्रक्शन भी देगा। बता दें, पिछले साल अप्रैल के बाद लॉन्च होने
वाली सभी कमर्शल गाड़ियों में NavIC ट्रैकर्स अनिवार्य कर दिए गए हैं। ताइवान कंपनी SkyTraQ की ओर से इसरो के लिए मल्टीचिप मॉड्यूल
(MCM) डिवेलप होने के बाद अब 30 से ज्यादा कंपनियां भारत में गाड़ियों के लिए NavIC ट्रैकर्स तैयार कर रही हैं।