scriptपीली टिड्डी की मैटिंग रिपोर्ट, अगले महीने थार में देगी अण्डे | Yellow grasshopper matting report will lay eggs in Thar next month | Patrika News

पीली टिड्डी की मैटिंग रिपोर्ट, अगले महीने थार में देगी अण्डे

locationजयपुरPublished: Jun 25, 2020 05:33:15 pm

गुलाबी के साथ 30 से 40 प्रतिशत पीली वयस्क टिड्डी, बरसात के साथ बालू मिट्टी में शुरू होगा प्रजनन जोधपुर. पिछले डेढ़ महीने से अधिक समय से पाकिस्तान से आ रही युवा गुलाबी टिड्डी अब व्यस्क पीली टिड्डी में बदल रही है। इनकी संख्या 30 से 40 प्रतिशत हो गई है। केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने इस सप्ताह कई स्थानों पर पीली टिड्डी को मैटिंग करते हुए रिपोर्ट किया है और इधर मानसून का राजस्थान में प्रवेश हो गया है। अब टिड्डी कुछ दिनों में ही थार रेगिस्तान की बालू मिट्टी में अण्डे देगी जिससे हॉपर और उससे बड़े टिड्डी

पीली टिड्डी की मैटिंग रिपोर्ट, अगले महीने थार में देगी अण्डे

पीली टिड्डी की मैटिंग रिपोर्ट, अगले महीने थार में देगी अण्डे


पाकिस्तान के दक्षिण प्रांत ब्लूचिस्तान, पंजाब की सिंध घाटी, ईरान के दक्षिण हिस्से और पूर्वी अफ्रीका के सोमालिया में टिड्डी का बसंत प्रजनन (स्प्रिंग ब्रीडिंग) खत्म हो चुका है और अब वह ग्रीष्म प्रजनन (समर ब्रीडिंग) के लिए भारत-पाक बॉर्डर की तरफ बढ़ रही है। अभी तक स्प्रिंग ब्रीडिंग से पैदा हुई युवा गुलाबी टिड्डी भारत आ रही थी जो अधिक ऊर्जावान और खाने में भी अधिक पेटू है लेकिन वर्तमान में फसल नहीं होने से पेड़-पौधे रूपी वनस्पति को छोड़कर कोई खास नुकसान नहीं हुआ। अब पीली टिड्डियों के झुंड आएंगे जो अण्डे देने का इरादा रखती है। टिड्डी को अण्डे देने के लिए रेतीली जमीन और नमी चाहिए। श्रीगंगानगर, बीकानेर, बाड़मेर, जैसलमेर और जोधपुर में अण्डे देने के लिए अनुकूल परिस्थितियां है। यह जमीन के 10 से 15 सेंटीमीटर नीचे अण्डे देती है। एक टिड्डी 100 से 150 अण्डे देती है। इनसे 10 से 60 दिन में हॉपर निकलते हैं। फिर इनसे युवा गुलाबी टिड्डी और इसके बाद व्यस्क पीली टिड्डी बनती है। इसका जीवनकाल 6 महीने होता है।
7 राज्यों में बड़े ऑपरेशन
टिड्डी के विरुद्ध केंद्रीय कृषि मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले टिड्डी चेतावनी संगठन (एलडब्ल्यूओ) व कृषि विभाग ने अब तक 7 राज्यों राजस्थान, गुजरात, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र व छतीसगढ़ में पेस्टीसाइड स्प्रे किया है। हरियाणा में हालांकि थोड़ी बहुत टिड्डी पहुंची थी।
अब तक की सरकार की तैयारी
ठ्ठ62 स्प्रेयर मशीनें, इसमें 21 माइक्रोनियर व 41 अल्वामास्ट लगाई
ठ्ठ200 कर्मचारी एलडब्ल्यूओ के, राज्यों के कृषि विभाग के सैंकड़ों कार्मिक शामिल
ठ्ठ2317 ट्रेक्टयर और 115 फायर बिग्रेड काम कर रही
ठ्ठ12 ड्रोन उड़ रहे हैं, 13 आने बाकी है
ठ्ठ84 जिलों में 909 स्थानों पर हुआ नियंत्रण कार्यक्रम
राजस्थान में अधिक संसाधन से जुटे
राज्य ट्रेक्टर फायर
ब्रिगेड
राजस्थान 2142 46
मध्यप्रदेश 83 47
उत्तरप्रदेश 4 16
पंजाब 50 6
गुजरात 38 0
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो