scriptइनकम टैक्स में मिल सकती है बड़ी राहत | You can get big relief in income tax | Patrika News

इनकम टैक्स में मिल सकती है बड़ी राहत

locationजयपुरPublished: Dec 12, 2019 06:58:07 pm

नई दिल्ली। वित्त मंत्री ( finance minister ) निर्मला सीतारमण ( Nirmala Sitharaman ) ने हाल ही में इनकम टैक्स ( income tax ) में कटौती का संकेत दिया है। विश्लेषकों के मुताबिक सरकार वित्त वर्ष 2020.21 के बजट ( budget ) में आयकर के मोर्चे पर राहत का ऐलान कर सकती है। इससे देश के करोड़ों वेतनभोगियों को सीधा फायदा होगा, जो आर्थिक सुस्ती के इस दौर में सरकार की ओर से राहत की उम्मीद कर रहे हैं, क्योंकि केंद्र सरकार ने इस साल सितंबर में कॉरपोरेट टैक्स में भारी कमी के जरिए देश के उद्योग जगत को बड़ी राहत दी

इनकम टैक्स में मिल सकती है बड़ी राहत

इनकम टैक्स में मिल सकती है बड़ी राहत

सरकार देश में खपत बढ़ाने के लिए इनकम टैक्स में कटौती समेत कई उपायों पर विचार कर रही है। हालांकि, आयकर में छूट को लेकर उन्होंने आगामी बजट तक इंतजार करने की बात कही। आगामी बजट अगले साल फरवरी में पेश किया जाएगा। ऐसे में आइए जानते हैं देश का मिडिल क्लास आयकर में कितनी छूट की उम्मीद कर सकता है। अर्थव्यवस्था को सुस्ती के दौर से निकालने के लिए खपत और निवेश दोनों बढ़ाने की जरूरत है। सरकार ने कॉरपोरेट टैक्स के जरिए कंपनियों को राहत तो दे दी है लेकिन मिडिल क्लास का विश्वास वापस लाने के लिए इनकम टैक्स में कमी की जानी चाहिए। जानकार मानते है कि सरकार मिडिल क्लास के हाथ में पैसे देने के लिए और खपत बढ़ाने के लिए आगामी बजट में इनकम टैक्स से जुड़ी बड़ी छूट का ऐलान कर सकती है। यह छूट इनकम टैक्स स्लैब और रेट दोनों में मिल सकती है। इनकम टैक्स में कमी करने से लोगों की क्रय शक्ति बढ़ेगी। इससे टैक्स के रूप में राजस्व बढ़ेगा ही।
पांच लाख रुपये से दस लाख रुपये की आय पर आयकर के रेट को 20 फीसदी से घटाकर 10 फीसदी करने की हिमायत की। इसके साथ ही 10 से 25 लाख रुपए तक की सालाना आय पर 20 फीसदी कर लगाने की वकालत की। वहीं, 25 लाख रुपये से 1 करोड़ रुपये तक की आय पर 30 फीसदी का टैक्स लेने की बात कही। मुताबिक सरकार को एक करोड़ रुपये से अधिक की सालाना व्यक्तिगत आय पर 40 फीसदी तक का टैक्स लेना चाहिए। देश में डिमांड बढ़ाने और अर्थव्यवस्था का स्लो डाउन से बाहर निकालने के लिए सरकार को एक नहीं बल्कि कई कदम उठाने होंगे। उन्होंने कहा कि इनकम टैक्स में कटौती उनमें से एक उपाय हो सकता है। सरकार ने कहा था कि आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए कर में कटौती सहित कई उपायों के बारे में सोच रही है।
अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के लिए एक ओवरऑल पैकेज की जरूरत है। इसके लिए लोगों की खर्च करने की शक्ति बढ़ाये जाने की जरूरत है। सरकार को सबसे कम आय वाले लोगों के हाथ में पैसे देने होंगे। यह राशि मनरेगा जैसी योजनाओं के जरिए दी जा सकती है। इनकम टैक्स में कटौती भी एक उपाय हो सकता है और यह डिमांड बढ़ाने में कॉरपोरेट टैक्स में कटौती के फैसले से भी ज्यादा मददगार साबित होगा। पर्सनल इनकम टैक्स में कटौती की ये बातें ऐसे समय में हो रही हैं जब देश की आर्थिक वृद्धि की रफ्तार चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में घटकर छह साल से भी अधिक समय के निचले स्तर पर पहुंच गई है। देश की जीडीपी वृद्धि दर जुलाई से सितंबर के बीच 4.5 फीसदी रही। सरकार इस साल अब तक देश की अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए कई कदम उठा चुकी है। कॉरपोरेट टैक्स में कटौती इस दिशा में उठाया गया अब तक का सबसे बड़ा फैसला था। वहीं, आरबीआई भी लोगों की ईएमआई का बोझ करने के लिए रेपो रेट में अब तक 1.35 फीसदी की कमी कर चुकी है।
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