बच्ची से रेप के बाद जो बवाल हुआ, वह लगातार जारी है। दरअसल पिछले महीने जुलाई की शुरुआत में शास्त्री नगर में सात साल की एक बच्ची के साथ हुए रेप के बाद जो बवाल मचा, वह अभी तक थमने का नाम नहीं ले रहा। आधे शहर में इंटरनेट बंद कर दिया गया। सात दिन तक लोग परेशान हुए। रेप का आरोपी जीवाणु पकडा गया लेकिन उसके बाद भी बवाल रहा। 150 कारों के शीशे तोड़ दिए गए। उसके बाद सावन का महीना आया। कावड़ यात्राओं के दौरान इतना बवाल मचा कि पुलिस दौड़ती रही। पुलिस वालों तक के पत्थर मारे गए। इतना बवाल हुआ कि फिर से इंटरनेट बंद कर दिया गया। सात दिन तक पूरा परकोटा सांसत में रहा। कुछ गिरफ्तारियां हुई। फिर से शांति समिति की बैठकें हुई। लोगों ने सोचा अब सब शांत हो जाएगा लेकिन बुधवार रात फिर से जयपुर में मामूली बात पर बवाल हो गया। अफवाहों का बाजार गर्म हो गया। कई थानों की पुलिस पूरी रात दौड़ लगाती रही। अब लोगों को डर है कि कहीं फिर से दफा 144 और इंटरनेट बंदी शुरू नहीं हो जाए। पुलिस अफसर अभी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं इस बारे में।
आखिर ये सब बार—बार शहर में क्यों हो रहा है? हैरिटेज परकोटा ही इन अफवाहों और बवाल का गवाह क्यों बन रहा है…? इसका जवाब अब आपको देना है। पुलिस, जनता और नेता ऐसा क्या करें कि जयपुर में फिर से शांति हो, छोटी—छोटी बातों पर अशांति नहीं हो, बवाल थम जाए और लोग मिलजुल कर रहें। जवाब जरुर भेजें, ताकि इन जवाबों को शेयर किया जा सके, सरकार से… पुलिस से… और आपके—हमारे जन प्रतिनिधियों से…।