साउथ अफ्रीका से आ रहे काजू
उदयपुर में ड्राइफ्रूट्स की आपूर्ति भारत के अलावा विदेशों से भी हो रही है। इनमें काजू साउथ अफ्रीका व साउथ इंडिया से आ रहा है तो बादाम में इरान की मामरा बादाम सब पर भारी पड़ रही है। अंजीर, मुनक्का अफगानिस्तान तो पाकिस्तान छुआरे भेज रहा है। पिछोरी पिस्ता व चिलगोजा पेशावर से आ रहा है। अखरोट चिल्ली (अमरीका) से आती है। अखरोट वर्तमान में 600 से 800 रुपए किलो बिक रहा है तो इसकी गिरी 1000 से 1700 के भाव।
मिठाइयों में सर्वाधिक काम ले रहे ड्राइफ्रूट्स
शादी ब्याह में आजकल अधिकांश मिठाइयां ड्राइफ्रूट्स की ही बनाई जा रही है। काजू कतली, बादाम, अखरोट का हलवा, अंजीर चक्की से लेकर कई तरह की मिठाइयां बनाई जा रही है। प्रतिदिन खपत के अलावा शादी-ब्याह में ड्राइफ्रूट्स की बिक्री तीन गुना ज्यादा होती है।
अंजीर व मुनक्का के भाव आसमान पर
अफगानिस्तान में गत वर्ष बाढ़ आने से वहां सर्वाधिक खराबा अंजीर व मुनक्का की फसल को हुआ। इसके चलते माल की उच्च क्वालिटी नहीं आ पाई। निम्न क्वालिटी के बावजूद शहर में दोनों ड्राइफ्रूट्स का प्रतिदिन 2 टन उठाव है। इनके भाव में ढाई गुना वृद्धि हुई है। अंजीर 800 से 1600 चला गया तो मुनक्का 600-700 से 1200 रुपए प्रतिकिलो पार हो गई।
इनकी भी बढ़ रही मांग
पम्पकीन, सनफ्लावर, चीया, खीरा, तरबूज के सीड्स, ब्ल्यू व ब्लेक बैरी, क्रेन बैरी, रस बैरी, पू्रून्स, पिंकन नट्स, ब्राजील नट्स, हैजल नट्स आदि मांग बढ़ी है। ड्राईफ्रूट्स एसोसिएशन और श्री उदयपुर किराणा एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल मेहता बताते है कि कोरोना के बाद से लोग स्वास्थ्य के प्रति ज्यादा जागरुक हुए हैं। वे ड्राइफ्रूट्स का ज्यादा सेवन करने लगे हैं। मांग लगातार बढ़ती जा रही है। एनर्जी और इम्युनिटी को बढ़ाने के लिए भी लोग इपकस सेवन कर रहे हैं। वहीं कई मिठाइयां भी ड्राइफ्रूट्स की ही बन रही है।