एसपी डॉ. रामेश्वर सिंह ने बताया कि गिरफ्तार सीताराम, पत्नी सुनीता उर्फ सुष्मिता व उसका साढू हनुमान सहाय है। मृतक की पहचान कल्याण सहाय माली (50) निवासी मोटू का बास थाना हरमाड़ा के रूप में की गर्इ है।
सिंह ने बताया कि मृतक कल्याण सहाय का लड़का लालचंद व आरोपित सीताराम धर्म के भाई बने हुए थे। कल्याण सहाय का सीताराम के घर आना जाना था। कल्याण सहाय और सीताराम की पत्नी के बीच प्रेम प्रसंग बन गए और वे फोन पर बाते करने लगे। इसकी भनक सीताराम को लगी। सीताराम ने पत्नी व साढू के साथ कल्याण सहाय को ब्लैकमेलिंग कर रुपए ऐंठने की साजिश रची। कल्याण को अपने घर बुला सुनीता के साथ आपत्तिजनक स्थिति में फोटो खींच ली और उसे ब्लैकमेल करने लगे।
सिंह ने बताया कि मृतक कल्याण सहाय का लड़का लालचंद व आरोपित सीताराम धर्म के भाई बने हुए थे। कल्याण सहाय का सीताराम के घर आना जाना था। कल्याण सहाय और सीताराम की पत्नी के बीच प्रेम प्रसंग बन गए और वे फोन पर बाते करने लगे। इसकी भनक सीताराम को लगी। सीताराम ने पत्नी व साढू के साथ कल्याण सहाय को ब्लैकमेलिंग कर रुपए ऐंठने की साजिश रची। कल्याण को अपने घर बुला सुनीता के साथ आपत्तिजनक स्थिति में फोटो खींच ली और उसे ब्लैकमेल करने लगे।
मानवाधिकार आयोग ने पकड़ा पुलिस का झूठ
जयपुर। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने ज्योति नगर थाने में मारपीट की शिकायत को सही मानते हुए मुख्य सचिव से कहा है कि क्यों न पीडि़त को 25 हजार रुपए मुआवजा दिलाया जाए। पुलिस महानिदेशक को आरोपित पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई का निर्देश भी दिया है। मुख्य सचिव व पुलिस महानिदेशक से छह सप्ताह में रिपोर्ट पेश करने को भी कहा है। आयोग ने इस मामले में जांच के लिए स्वयं दिल्ली से टीम जयपुर भेजी। जांच में पाया कि पुलिस ने मानवाधिकारों का हनन किया है, अतिरिक्त पुलिस आयुक्त के खिलाफ शिकायत होने कारण मामले की जांच पिछले साल सितंबर में सीआईडी सीबी के पास चली गई थी। मामले में पीडि़त मोईनुद्दीन कुरैशी के बेटे समीर कुरैशी की ओर से राष्ट्रीय मानवाधिकार को शिकायत की गई थी। इसमें शिकायत की थी कि परिवादी के पिता को अवैध रुप से हिरासत में लिया। मोईनुद्दीन की ओर से पिटाई होने की शिकायत भी गई थी। प्रकरण में मोईनुद्दीन कुरैशी की गिरफ्तारी की सूचना अगले दिन दी गई और परिवादी ने बताया कि उनके पिता को एक अन्य 12 साल पुराने मामले में लिप्त बताकर गिरफ्तार किया गया। मेडिकल जांच में सामने आया कि पीडि़त को हिरासत के दौरान चोट आई।
जयपुर। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने ज्योति नगर थाने में मारपीट की शिकायत को सही मानते हुए मुख्य सचिव से कहा है कि क्यों न पीडि़त को 25 हजार रुपए मुआवजा दिलाया जाए। पुलिस महानिदेशक को आरोपित पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई का निर्देश भी दिया है। मुख्य सचिव व पुलिस महानिदेशक से छह सप्ताह में रिपोर्ट पेश करने को भी कहा है। आयोग ने इस मामले में जांच के लिए स्वयं दिल्ली से टीम जयपुर भेजी। जांच में पाया कि पुलिस ने मानवाधिकारों का हनन किया है, अतिरिक्त पुलिस आयुक्त के खिलाफ शिकायत होने कारण मामले की जांच पिछले साल सितंबर में सीआईडी सीबी के पास चली गई थी। मामले में पीडि़त मोईनुद्दीन कुरैशी के बेटे समीर कुरैशी की ओर से राष्ट्रीय मानवाधिकार को शिकायत की गई थी। इसमें शिकायत की थी कि परिवादी के पिता को अवैध रुप से हिरासत में लिया। मोईनुद्दीन की ओर से पिटाई होने की शिकायत भी गई थी। प्रकरण में मोईनुद्दीन कुरैशी की गिरफ्तारी की सूचना अगले दिन दी गई और परिवादी ने बताया कि उनके पिता को एक अन्य 12 साल पुराने मामले में लिप्त बताकर गिरफ्तार किया गया। मेडिकल जांच में सामने आया कि पीडि़त को हिरासत के दौरान चोट आई।