शिक्षा, स्वास्थ्य, कौशल विकास और श्रम सहित 16 विभाग प्रस्तावित युवा नीति के क्रियान्वयन और ग्रामीण स्तर तक युवाओं को सशक्त करने को लेकर विशेषज्ञों की राय की जुटा रहे हैं। 2012 में भाजपा के शासनकाल के दौरान ही सबसे पहले युवा नीति की बात उठी थी। इस साल अगस्त में ही विशेषज्ञों की एक समिति ने सरकार को प्रस्तावित युवा नीति का मसौदा सौंप दिया था।
वित्त विभाग का दायित्व संभाल रहे मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई पहले ही घोषित कर चुके हैं कि सरकार अगले साल अलग से युवा बजट घोषित करेगी। समिति ने सरकार को युवा बजट का सुझाव दिया था जिसमें विभिन्न विभागों की ओर से युवा वर्ग से जुड़ी से योजनाओं और उन पर होने वाले व्यय का विवरण हो। इससे बजट आवंटन के सही तरीके से खर्च होने के साथ ही योजनाओं का क्रियान्वयन भी बेहतर तरीके से हो सकेगा।
सरकारी अधिकारियों का कहना है कि पहली बार कोई राज्य युवा नीति लागू करने की तैयारी कर रहा है। हालांकि, राष्ट्रीय स्तर पर ऐसी नीति पहले से मौजूद है। सरकार का मानना है कि युवा नीति से युवाओं के सशक्तिकरण में मदद मिलेगी। इसमें छह बिंदुओं- शिक्षा और प्रशिक्षण, रोजगार और उद्यमिता, स्वास्थ्य, योग और वेलनेस, खेलकूद और फिजिकल फिटनेस, कला और संस्कृति के साथ ही मूल्य आधारित नेतृत्व विकास को शामिल किया गया है।