अक्षय पात्र मंदिर के सामने हरि ग्रेनाइट स्टोन की दुकान है। दुकानदार के पास स्कूटी पर एक व्यक्ति आया और उसने मार्बल खरीदने की बात कही । दुकानदार ने उसे मार्बल पसंद करवाया। इस पर युवक ने कहा कि मार्बल फिटिंग के लिए कारीगर बताओ। दुकानदार ने पीडि़त को फोन कर दुकान पर बुला लिया। युवक स्कूटी छोड़कर कारीगर की बाइक पर ही घर दिखाने की कहकर साथ जाने लगा। युवक ने उसके मोबाइल पर पिता का फोन आने का नाटक किया। युवक ने दुकानदार को कहा कि उसे मोटर लेकर जानी है। पांच हजार रुपए दे दो। दुकानदार ने सोचा स्कूटी यहीं खड़ी है उसने पांच हजार रुपए ले गया।
कुंभा मार्ग के पास युवक ने बाइक रूकवाई और कारीगर से कहा उसे पिता की दुकान से घर की चाबी लानी है। युवक उसकी बाइक लेकर चला गया। कारीगर एक घंटे तक इंतजार करता रहा, लेकिन युवक नहीं आया। कारीगर ने दुकानदार को फोन किया तो उसने कहा कि युवक उसका जानकार नहीं है। कारीगर वापस दुकान पर आया और उसने स्कूटी को प्रताप नगर थाने ले गया।
पुलिस ने तफ्तीश की तो स्कूटी चोरी की निकली। पुलिस ने स्कूटी मालिक को बुलाया तो पता चला युवक उसे भी झांसा देकर पांच हजार रुपए लेकर गया था और बाइक उसके हवाले छोड़कर गया। पुलिस ने बताया कि बाइक भी चोरी की थी।