लोग हुए त्रस्त
मुख्य मार्ग पर जाम लगाने से यातायात बुरी तरह गड़बड़ा गया। वाहनों की लम्बी कतारें लग गईं और हजारों लोग फंस गए। इनमें से सैकड़ों तो जहां के तहां अटक गए जबकि बड़ी संख्या में लोग वैकल्पिक मार्गों की तलाश में यहां से वहां भटकते रहे। गोपालपुरा मोड और दुर्गापुरा से वाहन डायवर्ट हुए तो जेएलएन मार्ग सहित आसपास के अन्य समानान्तर मार्गों पर भी वाहनों का दबाव बढ़ गया। सांगानेर से अजमेरी गेट की ओर आने वाले वाहनों को गोपालपुरा पुलिया के नीचे से और सांगानेर की ओर जाने वाले वाहनों को केन्द्रीय विद्यालय नम्बर-1 के पास से गुजारा गया। गांधीनगर रेलवे स्टेशन आने-जाने वाले अनेक यात्रियों को पैदल चलना पड़ा।
मुख्य मार्ग पर जाम लगाने से यातायात बुरी तरह गड़बड़ा गया। वाहनों की लम्बी कतारें लग गईं और हजारों लोग फंस गए। इनमें से सैकड़ों तो जहां के तहां अटक गए जबकि बड़ी संख्या में लोग वैकल्पिक मार्गों की तलाश में यहां से वहां भटकते रहे। गोपालपुरा मोड और दुर्गापुरा से वाहन डायवर्ट हुए तो जेएलएन मार्ग सहित आसपास के अन्य समानान्तर मार्गों पर भी वाहनों का दबाव बढ़ गया। सांगानेर से अजमेरी गेट की ओर आने वाले वाहनों को गोपालपुरा पुलिया के नीचे से और सांगानेर की ओर जाने वाले वाहनों को केन्द्रीय विद्यालय नम्बर-1 के पास से गुजारा गया। गांधीनगर रेलवे स्टेशन आने-जाने वाले अनेक यात्रियों को पैदल चलना पड़ा।
शाम को पहुंचे विधायक-पार्षद
जाम लगने के बाद सांसद रामचरण बोहरा भी मौके पर पहुंचे और व्यापारियों से बात की। गुस्साए लोगों में महिलाएं भी शामिल थीं। परिजनों और व्यापारियों ने कहा कि आयुष नहीं मिलेगा तब तक बाजार बंद रखा जाएगा। आक्रोशित लोगों ने स्थानीय विधायक और चिकित्सा मंत्री कालीचरण सराफ, वार्ड 55 के पार्षद महेन्द्र अजमेरा के मौके पर नहीं पहुंचने पर नाराजगी जताई। हालांकि देर शाम विधायक और पार्षद मौके पर पहुंचे और जायजा लिया।
जाम लगने के बाद सांसद रामचरण बोहरा भी मौके पर पहुंचे और व्यापारियों से बात की। गुस्साए लोगों में महिलाएं भी शामिल थीं। परिजनों और व्यापारियों ने कहा कि आयुष नहीं मिलेगा तब तक बाजार बंद रखा जाएगा। आक्रोशित लोगों ने स्थानीय विधायक और चिकित्सा मंत्री कालीचरण सराफ, वार्ड 55 के पार्षद महेन्द्र अजमेरा के मौके पर नहीं पहुंचने पर नाराजगी जताई। हालांकि देर शाम विधायक और पार्षद मौके पर पहुंचे और जायजा लिया।
टालमटोल में जुटी सरकारी एजेंसियां
जेडीए का तर्क : दिल्ली रेलवे लाइन से सवाईमाधोपुर लाइन के बीच नाले का हिस्सा तो निगम को हस्तांतरित हो चुका है। आसपास की कॉलोनी हस्तांरित करने से नाले के रखरखाव की जिम्मेदारी स्वत: निगम की है।
जेडीए का तर्क : दिल्ली रेलवे लाइन से सवाईमाधोपुर लाइन के बीच नाले का हिस्सा तो निगम को हस्तांतरित हो चुका है। आसपास की कॉलोनी हस्तांरित करने से नाले के रखरखाव की जिम्मेदारी स्वत: निगम की है।
नगर निगम का जवाब : नाले का यह हिस्सा हस्तांतरित करने की अब तक कोई प्रक्रिया नहीं अपनाई गई। हैंडओवर-टेकओवर का निगम के पास कोई आधिकारिक पत्र नहीं है। कॉलोनी हस्तांतरित करते वक्त खाली भूखंड जेडीए अपने पास ही रखता आया है।
(नाले पर बनी पुलिया के रखरखाव और सुरक्षा व्यवस्था को लेकर जिला प्रशासन दोनों एजेंसियों से जवाब मांग रहा है, इसी पर ये एजेंसियां टालमटोल कर रही हैं)
(नाले पर बनी पुलिया के रखरखाव और सुरक्षा व्यवस्था को लेकर जिला प्रशासन दोनों एजेंसियों से जवाब मांग रहा है, इसी पर ये एजेंसियां टालमटोल कर रही हैं)
व्यवस्था फेल : मौके पर पहुंचे प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष अर्चना शर्मा, प्रदेश महासचिव महेश शर्मा और शहर जिलाध्यक्ष प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा, प्रशासन के पास आपदा प्रबंधन के ठोस इंतजाम नहीं हैं। तैरा था आयुष, किनारे तक नहीं पहुंच पाया
जहां से आयुष बहा, सुदर्शनपुरा औद्योगिक क्षेत्र की इस पुलिया पर हर वर्ष तेज बारिश के दौरान पानी आता है। बहाव क्षेत्र में आने के बाद भी प्रशासन ने पुलिया के दोनों तरफ कोई चेतावनी बोर्ड नहीं लगाया था और आयुष ने वहां कार उतार दी। कार बहने के बाद सामने आ रहे वीडियो में से एक में दिख रहा है कि आयुष तैरकर बचने का प्रयास किया, लेकिन बहाव तेज होने कारण वह बाहर नहीं आ पाया।
जहां से आयुष बहा, सुदर्शनपुरा औद्योगिक क्षेत्र की इस पुलिया पर हर वर्ष तेज बारिश के दौरान पानी आता है। बहाव क्षेत्र में आने के बाद भी प्रशासन ने पुलिया के दोनों तरफ कोई चेतावनी बोर्ड नहीं लगाया था और आयुष ने वहां कार उतार दी। कार बहने के बाद सामने आ रहे वीडियो में से एक में दिख रहा है कि आयुष तैरकर बचने का प्रयास किया, लेकिन बहाव तेज होने कारण वह बाहर नहीं आ पाया।