सुरक्षाबलों ने गुरुवार को जम्मू कश्मीर में अलकायदा की पहचान बने अंसार-उल-गजवात-ए-हिंद के कमांडर जाकिर मूसा को मारकर बड़ी कामयाबी हासिल की है। मूसा को 2016 में हिजबुल मुजाहिद्दीन के कमांडर और पोस्टर ब्वॉय बुरहान वानी की मौत के बाद आतंकी संगठन का कमांडर बनाया गया था। हालांकि बाद में उसने हिजबुल से दूरी बना ली थी। मूसा पर 12 लाख का इनाम घोषित किया गया था। उसे भी आतंकी संगठन में आरिफ और आदिल नामक दो आतंकी कमांडरों ने भर्ती किया था। इन्होंने ही बुरहान को आतंकी बनाया था। सबसे खास बात यह है कि जाकिर ने अलगाववादी मीरवाइज उमर फारुक, सैयद अली शाह गिलानी और यासीन मलिक सहित कई नेताओं को मारने की धमकी दी थी जो कश्मीर को एक राजनीतिक मसला मानते हैं। जाकिर का कहता था कि कश्मीर कोई राजनीतिक नहीं बल्कि एक इस्लामिक राज्य स्थापित करने की लड़ाई है। मई 2017 में जाकिर मूसा का एक वीडियो सामने आया था। इसमें उसने इस्लामिक शरिया के मुताबिक खलिफा राज्य स्थापित करने की बात कही थी। वहीं इसी वीडियो में जाकिर ने हिज्बुल से अपने संबंध खत्म करने की बात भी कही थी। अपने वीडियो संदेश में मूसा ने कहा था कि कश्मीर उसके लिए कोई फ्रीडम स्ट्रगल नहीं है बल्कि इस्लामिक स्ट्रगल है। अपनी इन्हीं बातों को लेकर हिज्बुल ने जाकिर से दूरी बना ली है। जाकिर की मौत के बाद हिंसक प्रदर्शनों की आशंका को देखते हुए प्रशासन ने अगले आदेश तक सभी स्कूल-कॉलेज बंद कर दिए हैं। कश्मीर में इंटरनेट सेवाएं भी बंद कर दी गई हैं। वहीं, संवेदनशील इलाकों में किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए पुलिस और अर्धसैनिकबलों की अतिरिक्त टुकड़ियों को तैनात करने के साथ निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है। आपको बता दें कि मूसा कश्मीर में इस्लामी जेहाद के एक बड़ा चेहरा था। 25 वर्षीय मूसा एक मध्यम वर्गीय परिवार से ताल्लुक रखता था। उसने आतंक की दुनिया में कदम रखने से पहले चंडीगढ़ के प्राइवेट इंजीनियरिंग कॉलेज से पढ़ाई की थी। 2013 में में वह फेल हो गया जिसके बाद उसने पढ़ाई छोड़ दी और वापस पुलवामा में अपने गांव नूरपुर चला गया था। यहींं से उसके आतंकी बनने की कहानी भी शुरू हुई। जाकिर राशिद भट्ट का जन्म 1994 में अवन्तिपुर के नूरपुर में हुआ था। मूसा के पिता अब्दुल राशिद भट्ट सिंचाई विभाग में सरकारी कर्मचारी थे। मूसा का भाई शकीर श्रीनगर में डॉक्टर है जबकि उसकी बहन जम्मू-कश्मीर बैंक में कार्यरत है। मूसा पुलवामा के जवाहर नवोदय विद्यालय में एडमिशन मिला था लेकिन इसके बावजूद उसने अपने गांव के नूर पब्लिक स्कूल में ही पढ़ाई जारी रखी और 10वीं परीक्षा में 65.4 प्रतिशत अंक प्राप्त किए। उसके बाद उसका एडमिशन नूरपुर के उच्चतर माध्यमिक स्कूल में हुआ था। उसने 12वीं भी फर्स्ट डिवीजन से पास की थी।
Home / Jaipur / इंजीनियरिंग ड्रॉपआउट था अलकायादा कमांडर आतंकी मूसा…नवोदय प्रवेश परीक्षा में हुआ था पास