दरअसल कोरोना के बढ़ते प्रकोप से मतदाताओं को बचाने के लिए निर्वाचन आयोग ने इस बार मतदान केन्द्रों की संख्या में अप्रत्याशित बढ़ोतरी करने का फैसला किया है। गत चुनाव में 11 सौ मतदाताओं पर एक मतदान केन्द्र बनाया गया। नतीजतन करीब साढ़े 36 हजार मतदान केन्द्र खोले गए। इस बार कोरोना की वजह से प्रत्येक केन्द्र पर मतदाताओं की संख्या घटाकर 850 से 900 की गई है।
इसकी वजह से करीब 50 से 55 हजार मतदान केन्द्र खोलने पड़ेगे। ऐसे में प्रत्येक मतदान की सुरक्षा के लिए पुलिस कर्मियों को भी बड़ी संख्या में तैनात करना पड़ेगा। राज्य में पुलिस नफरी पहले ही सीमित है। ऐसे में गृह विभाग और पुलिस मुख्यालय के अधिकारियों ने निर्वाचन विभाग को एक साथ की बजाय चरणों में चुनाव कराने का सुझाव दिया है। सभी विभागों में आपसी चर्चा के बाद चरणबद्ध चुनावों पर सहमति बन चुकी है। आयोग ने सभी जिला कलक्टर्स को पत्र लिखकर चुनावी तैयारी करने के निर्देश दिए हैं।
फरवरी में पूरा हो चुका कार्यकाल
पंचायत समिति और जिला परिषद सदस्यों का कार्यकाल इस साल फरवरी में पूरा हो चुका है। आयोग ज्यों ही इनके चुनाव की तैयारी में जुटा, त्यों ही कोरोना महामारी फैल गई। नतीजतन चुनाव स्थगित करने का निर्णय किया गया। हाल में ग्राम पंचायतों के चुनाव कराए गए हैं। तीन बड़े शहरों के 6 नगर निगमों के चुनाव प्रक्रियाधीन हैं। इनकी चुनाव प्रक्रिया 11 अक्टूबर को खत्म हो जाएगी। दीपावली के बाद जिला परिषद और पंचायत समिति सदस्यों के चुनाव कराए जाएंगे।
एक घंटे ज्यादा मतदान
शहरी निकाय, जिला परिषद और पंचायत समिति सदस्यों के चुनाव में भी निर्वाचन आयोग मतदान के लिए एक घंटे का अतिरिक्त समय देगा। हाल में समपन्न ग्राम पंचायत और छह निकाय के चुनाव में भी आयोग ने मतदान का समय बढ़ाया है।
एक साथ होंगे चुनाव
जिला परिषद और पंचायत समिति सदस्यों के लिए मतदान एक ही दिन होगा। प्रत्येक मतदाता एक वोट पंचायत समिति और एक वोट जिला परिषद सदस्य को दे सकेगा।
पंचायत समिति…
पंचायत समिति सदस्य: 7029
पंचायत समिति प्रधान: 352
पंचायत समिति उप प्रधान: 352
जिला परिषद…
जिला परिषद सदस्य: 1014
जिला प्रमुख: 33
उप जिला प्रमुख: 33
कुल मतदाता: 1,81,68,000
(मतदाता सूची के संक्षिप्त पुनरीक्षण के बाद बदलाव संभव है)