जयपुर

पर्यटकों के लिए खुले चिड़ियाघर और बायोलॉजिकल पार्क, गिनी चुनी संख्या में नजर आए पर्यटक

पर्यटकों के लिए बायोलॉजिकल पार्क ( Biological Park ) और सफारी में प्रवेश करने की अनुमति दी गई है। लेकिन 75 दिन बाद भी पर्यटक टाइगर सफारी का मजा नहीं ले सकेंगे…

जयपुरJun 01, 2020 / 10:35 am

dinesh

जयपुर। प्रदेशभर में आज से पर्यटन फिर से शुरू हो गया है। इसी के चलते वनों को भी पर्यटकों के सैर सपाटे के लिए खोल दिया गया है। लेकिन अभी भी प्रदेश के टाइगर रिजर्व क्षेत्र में पर्यटकों की आवाजाही पर रोक रहेगी।
पर्यटकों के लिए बायोलॉजिकल पार्क ( Biological Park ) और सफारी में प्रवेश करने की अनुमति दी गई है। लेकिन 75 दिन बाद भी पर्यटक टाइगर सफारी का मजा नहीं ले सकेंगे। अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं मुख्य वन जीव प्रतिपालक राजस्थान जयपुर अरिन्दम तोमर ने एक जून से जंतुआलय, बॉयोलाजिकल पार्क, अभयारण्य, राष्ट्रीय उद्यान, सफारी एवं अन्य वन्यजीव संरक्षित क्षेत्रों को खोलने के निर्देश दिए हैं। लेकिन एनटीसीए की गाइडलाइन के अनुसार व्याघ्र आरक्षित क्षेत्र बंद रहेंगे। एनटीसीए की गाइड लाइन की पालना के चलते रणथम्भौर और सरिस्का टाइगर रिजर्व को फिलहाल बंद रखा गया है।
जयपुर में बॉयोलॉजिकल पार्क और झालाना लेपर्ड सफारी
राजस्थान में रणथंभौर टाइगर रिजर्व, सरिस्का टाइगर रिजर्व, मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व फिलहाल पर्यटकों के लिए बंद रखे गए हैं। अभी केवलादेव घना पक्षी अभयारण्य, झालाना लेपर्ड सफारी, जयपुर का नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क और चिड़ियाघर पर्यटकों के लिए खोल दिया गया है। इसके अलावा उदयपुर का सज्जनगढ़ बायोलॉजिकल पार्क और जोधपुर का माचिया बायोलॉजिकल पार्क पर्यटन के लिए शुरू कर दिया गया है। जयपुर सहित प्रदेश के सभी चिड़ियाघरों में भी प्रवेश शुरू कर दिया गया है। हालांकि प्रवेश से पहले पर्यटकों को थर्मल स्क्रीनिंग और सैनिटाइजर के बाद ही प्रवेश मिल सकेगा। मिली जानकारी के अनुसार पहले दिन पर्यटक गिनी चुनी संख्या में ही नजर आए।
सरिस्का में आज से वन्यजीवों की गणना
वहीं सरिस्का टाइगर रिजर्व में आज से वन्यजीवों की गणना हो रही है। 8 जून तक हाेने वाली वन्यजीव गणना 2 फेज में हाेगी। पहले फेज में 1 से 4 जून तक वनकर्मी मांसाहारी जानवरों की गणना करेंगे। 5 से 8 जून तक शाकाहारी जानवर व जंगल में वनस्पति की गणना हाेगी। सीसीएफ के अनुसार अभी पर्यटकाें के लिए सरिस्का अभयारण्य खाेलने के आदेश नहीं दिए गए हैं।
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